जब हम 21वीं सदी में कदम रख रहे थे तो देश का बुनियादी ढांचा विकास बहुत ही सुस्त था। तमाम परियोजनाएँ बिखरी हुई थीं और इनमें निजी क्षेत्र की भागीदारी सीमित थी। लेकिन अब जब हम सदी का चौथाई सफर पूरा कर चुके हैं तो विकास का परिदृश्य बिल्कुल बदला हुआ है। देश बहुत महत्त्वपूर्ण मोड़ पर खड़ा है। चौड़ी और लंबी-लंबी सड़कों की परियोजनाएँ फर्राटे भर रही हैं तो बुलेट ट्रेन का सपना साकार होने वाला है। वैश्विक व्यापार परिदृश्य में अपना प्रभुत्व जमाने के वादे के साथ बंदरगाहों का भी विस्तार हो रहा है।
दूरदराज के क्षेत्रों को राजमार्गों से जोड़ने से लेकर लाखों लोगों को सफर कराने वाले विमानन नेटवर्क के विस्तार तक भारत के बुनियादी विकास का सफर बदलाव की अनूठी कहानी है। चौथाई सदी की यह विकास यात्रा में अनेक उपलब्धियाँ हासिल हुई हैं तो अटकी परियोजनाएँ और सुरक्षा चिंताएँ जैसी बहुत सी चुनौतियाँ भी सामने आई हैं। जब देश 2047 तक 30 लाख डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने के महत्त्वाकांक्षी लक्ष्य की ओर बढ़ रहा है तो इसके लिए अभी बहुत कुछ किया जाना बाकी है।
सड़कें : विकास का सुनहरा सफर
जब देश नई सदी का पहला साल पूरा कर रहा था तो तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने दिसंबर 2000 में राष्ट्रीय राजमार्ग विकास कार्यक्रम- स्वर्ण चतुर्भुज योजना के पहले चरण की शुरुआत की। उस समय यह देश की सबसे बड़ी राजमार्ग विकास परियोजना थी। कई लोगों ने इसे देश के बुनियादी ढाँचे के एकीकृत विकास की दिशा में पहला बड़ा कदम करार दिया था।
इन 25 सालों के दौरान 2024 में देश का राष्ट्रीय राजमार्ग नेटवर्क लगभग तीन गुना बढ़कर 146,000 किलोमीटर हो गया है। सड़कों का यह जाल जीपीएस आधारित टोल संग्रह और तेज गति के अनुकूल एवं एग्जिट-एंट्री प्वाइंट (एक्सेस कंट्रोल्ड एक्सप्रेसवे) जैसी आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित है। बुनियादी ढाँचा विकास के साथ निजी वाहनों की संख्या भी तेजी से बढ़ी है, जिससे प्राइवेट उद्योग भी खूब फला-फूला है। इस बदलाव में टोल संग्रह ने महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
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तिब्बत में 6.8 तीव्रता के भूकंप से 126 की मौत
तिब्बत के सबसे पवित्र शहरों में से एक के निकट मंगलवार को 6.8 तीव्रता का भूकंप आया, जिसमें 126 लोगों की मौत और 188 व्यक्ति घायल हो गए। पड़ोसी देश नेपाल में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए जिसके कारण इमारतें हिलने लगीं और लोग अपने अपने घरों से बाहर निकल आए।
इस साल 6 नई फंड कंपनी देंगी दस्तक
इस साल 68 लाख करोड़ रुपये के म्युचुअल फंड उद्योग में कई नई एफएम कंपनियां दस्तक देने की तैयारी कर रही हैं।
आरईसी की 2,848 करोड़ रु. फंसा कर्ज बेचने की योजना
अभिजीत ग्रुप की इकाई है कॉरपोरेट पावर लिमिटेड जो परिसमापन की प्रक्रिया में है
देश के कृषि व संबंधित गतिविधियों में फिर वृद्धि की आस
बेहतरीन बारिश के कारण खरीफ की फसल अच्छी रहने और रबी की शानदार बोआई से वित्त वर्ष 2025 में स्थिर मूल्य पर कृषि व संबंधित गतिविधियों का सकल मूल्यवर्धन 3.8 प्रतिशत रहने का अनुमान है, जो वित्त वर्ष 2024 में 1.4 प्रतिशत था
कम जीडीपी के बावजूद हासिल हो जाएगा राजकोषीय घाटे का लक्ष्य
बजट अनुमान की तुलना में पूंजीगत व्यय 1 से 1.5 लाख करोड़ रुपये कम रहने के कारण हासिल हो जाएगा लक्ष्य
पूंजीगत खर्च, सेफगार्ड शुल्क इस्पात के लिए मुख्य कारक
आयात में तेजी, निर्यात में नरमी और कमजोर कीमतों का असर कैलेंडर वर्ष 2024 में भारतीय इस्पात उद्योग पर स्पष्ट दिखा है। जैसे-जैसे सेफगार्ड शुल्क की संभावना बढ़ रही है, उद्योग के सामने बड़ा सवाल यह पैदा हो रहा है कि क्या 2025 बेहतर वर्ष होगा ?
जीडीपी बढ़ेगा 6.4 फीसदी
एनएसओ के अग्रिम अनुमान में जीडीपी वृद्धि दर चार साल में सबसे कम रहने के आसार
एचएमपीवीः सतर्कता बरतें राज्य
देश में ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (एचएमपीवी) के मामले सामने आने के बाद केंद्र ने राज्यों से सांस से जुड़ी बीमारियों की निगरानी बढ़ाने और यह बीमारी फैलने से रोकने के लिए लोगों के बीच जागरूकता बढ़ाने को कहा है।
'केंद्रीय बजट में न हो दिल्ली के लिए कोई खास ऐलान'
दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने की घोषणा
मुद्रा की कीमत में बदलाव और बाजार की भूमिका
अगर मुद्रा में बिना किसी हस्तक्षेप के निरंतर उतार-चढ़ाव होते रहने दिया जाए तो यह बेहतर होता है। यकीनन बाजार इस मामले में बेहतर काम करता है।