सात वर्षों से अधिक का सफ़र तय करने के बाद वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) व्यवस्था ऐसे मोड़ पर पहुँच रही है, जहाँ इसके ढाँचे में ही बदलाव करने पर बातचीत की जानी चाहिए। सरकार ने मुआवजा देने का अपना वादा पूरा करने के लिए कोविड-19 महामारी के बाद लगातार कर्ज़ लिए हैं, जिन्हें नवंबर 2025 तक चुका दिए जाने की उम्मीद है। मुआवजा उपकर लगाने की कानूनी मियाद मार्च 2026 तक बढ़ा दी गई है। जीएसटी के अब तक के सफ़र में यह महत्त्वपूर्ण बिंदु है जहाँ व्यापक सुधार पर चर्चा की जा सकती है। उपकर को वर्तमान या किसी और रूप में जारी रखा जाए या नहीं, इस सवाल के परे भी जीएसटी प्रणाली के स्वरूप में कुछ समस्याएँ हैं, जिन पर चर्चा करने और जिन्हें सुधारने की ज़रूरत है।
सबसे पहले तो यह पूछना ज़रूरी है कि जीएसटी व्यवस्था में सुधार क्यों किया जाना चाहिए। अतिरिक्त राजस्व जुटाने के लिए जीएसटी की संरचना में सुधार किया जा सकता है। जितना राजस्व आ रहा है, उसे देखते हुए सुधार का मकसद अनुपालन तथा प्रशासन पर हो रहा खर्च घटाने के लिए दरों में बदलाव करना भी हो सकता है। कर की दरें कम होंगी तो वस्तु या सेवा को गलत श्रेणी में रखे जाने और उसकी वजह से होने वाले विवादों में कमी आएगी, जिससे अनुपालन तथा प्रशासन का खर्च कम होगा। कर प्रणाली के कारण पूरी व्यवस्था में आया बिगड़ाव कम करना भी इसका मकसद हो सकता है। इसके तहत उन वस्तुओं पर कम कर लगना चाहिए, जिनकी कीमत बदलने पर माँग तेज़ी से घटती-बढ़ती है। जिनकी माँग पर मूल्य परिवर्तन का खास फ़र्क नहीं पड़ता उन पर ज़्यादा कर वसूला जा सकता है। हमारे पास विचार करने के लिए कई बिंदु हैं: क्या कर के स्लैब कम करने के लिए कर की दरों को वाजिब बनाया जाना चाहिए? उपकर के मामले में क्या कदम उठाया जाना चाहिए? और क्या जीएसटी के आधार में बड़ा विस्तार किया जा सकता है? इन सभी बिंदुओं पर हम संक्षेप में विचार करेंगे।
This story is from the January 02, 2025 edition of Business Standard - Hindi.
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तिब्बत में 6.8 तीव्रता के भूकंप से 126 की मौत
तिब्बत के सबसे पवित्र शहरों में से एक के निकट मंगलवार को 6.8 तीव्रता का भूकंप आया, जिसमें 126 लोगों की मौत और 188 व्यक्ति घायल हो गए। पड़ोसी देश नेपाल में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए जिसके कारण इमारतें हिलने लगीं और लोग अपने अपने घरों से बाहर निकल आए।
इस साल 6 नई फंड कंपनी देंगी दस्तक
इस साल 68 लाख करोड़ रुपये के म्युचुअल फंड उद्योग में कई नई एफएम कंपनियां दस्तक देने की तैयारी कर रही हैं।
आरईसी की 2,848 करोड़ रु. फंसा कर्ज बेचने की योजना
अभिजीत ग्रुप की इकाई है कॉरपोरेट पावर लिमिटेड जो परिसमापन की प्रक्रिया में है
देश के कृषि व संबंधित गतिविधियों में फिर वृद्धि की आस
बेहतरीन बारिश के कारण खरीफ की फसल अच्छी रहने और रबी की शानदार बोआई से वित्त वर्ष 2025 में स्थिर मूल्य पर कृषि व संबंधित गतिविधियों का सकल मूल्यवर्धन 3.8 प्रतिशत रहने का अनुमान है, जो वित्त वर्ष 2024 में 1.4 प्रतिशत था
कम जीडीपी के बावजूद हासिल हो जाएगा राजकोषीय घाटे का लक्ष्य
बजट अनुमान की तुलना में पूंजीगत व्यय 1 से 1.5 लाख करोड़ रुपये कम रहने के कारण हासिल हो जाएगा लक्ष्य
पूंजीगत खर्च, सेफगार्ड शुल्क इस्पात के लिए मुख्य कारक
आयात में तेजी, निर्यात में नरमी और कमजोर कीमतों का असर कैलेंडर वर्ष 2024 में भारतीय इस्पात उद्योग पर स्पष्ट दिखा है। जैसे-जैसे सेफगार्ड शुल्क की संभावना बढ़ रही है, उद्योग के सामने बड़ा सवाल यह पैदा हो रहा है कि क्या 2025 बेहतर वर्ष होगा ?
जीडीपी बढ़ेगा 6.4 फीसदी
एनएसओ के अग्रिम अनुमान में जीडीपी वृद्धि दर चार साल में सबसे कम रहने के आसार
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देश में ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (एचएमपीवी) के मामले सामने आने के बाद केंद्र ने राज्यों से सांस से जुड़ी बीमारियों की निगरानी बढ़ाने और यह बीमारी फैलने से रोकने के लिए लोगों के बीच जागरूकता बढ़ाने को कहा है।
'केंद्रीय बजट में न हो दिल्ली के लिए कोई खास ऐलान'
दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने की घोषणा
मुद्रा की कीमत में बदलाव और बाजार की भूमिका
अगर मुद्रा में बिना किसी हस्तक्षेप के निरंतर उतार-चढ़ाव होते रहने दिया जाए तो यह बेहतर होता है। यकीनन बाजार इस मामले में बेहतर काम करता है।