• बशर अल असद के उदय को आशावाद के रूप में देखने की उम्मीदें जल्द हो गईं थीं धूमिल
सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल असद के रविवार को देश छोड़कर भाग जाने के साथ ही असद परिवार की करीब साढ़े पांच दशक से चली आ रही सत्ता का अंत हो गया। असद परिवार ने 53 साल तक सुन्नी बहुल सीरिया पर राज किया। मगर इस दौरान उनका इतिहास कत्लेआम और खून खराबे वाला रहा। मौजूदा समय में सीरिया के अधिकांश भूभाग पर विद्रोही गुटों का कब्जा हो चुका है।
बशर अल असद का ताल्लुक अलावी समुदाय से है। यह समुदाय सीरिया में अल्पसंख्यक है। सीरिया में अलावी समुदाय की आबादी महज 12 प्रतिशत है। मगर सत्ता इसी अलावी राजवंश के पास थी। बशर अल असद के भागने के बाद नई सरकार बनाने की कवायद में विद्रोही जुट गए हैं।
वैसे बशर के उदय को शुरू आशावाद के साथ देखा गया था। कई सीरियाई और विदेशी पर्यवेक्षकों को उम्मीद थी कि वह सत्तावादी शासन द्वारा लंबे समय से दबाए गए सिस्टम में सुधार और खुलापन लाएंगे। हालांकि वे उम्मीदें जल्दी ही खत्म हो गईं। बशर भी अपने पिता की तर्ज पर चल पड़े।
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