अपराधी को कोई भी निजी व्यक्ति भी गिरफ्तार कर सकता है
Rising Indore|05 June 2024
गिरफ्तारी शब्द आपराधिक विधि में अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान रखता है। आपराधिक विधि में पीड़ित पक्षकार को न्याय देने हेतु आरोपी को गिरफ्तार किया जाना आवश्यक है। पुलिस तथा मजिस्ट्रेट को आपराधिक विधि में गिरफ्तार करने संबंधी शक्तियां दी गई हैं।
संजय मेहरा
अपराधी को कोई भी निजी व्यक्ति भी गिरफ्तार कर सकता है

पुलिस और मजिस्ट्रेट न्याय प्रशासन संबंधी दो महत्वपूर्ण कड़ियां हैं। इन दोनों को ही व्यक्तियों की गिरफ्तारी करने संबंधी अधिकार दिए गए हैं। इस कानून में निजी व्यक्ति को भी अपराधी को गिरफ्तार करने का अधिकार दिया गया। हर निजी व्यक्ति का कर्तव्य है कि उसके सामने अपराध घटित हो रहा तो अपने कर्तव्यों का निर्वाह करते हुए अपराध करने वाले व्यक्ति को गिरफ्तार करे अथवा पुलिस को सूचित करे आमतौर पर देखा गया है कि निजी व्यक्ति अपराध होते समय अपने वैधानिक कर्तव्य का निर्वाह नहीं करता है यहां तक की पुलिस का साक्षी भी नहीं बनता है इसलिए आपराधिक प्रकरणों में चतुर्दशी साक्षी एवं प्रमाण के अभाव में कई अपराधी न्यायालय से दोष मुक्त हो जाते हैं।

अपराधी को कोई भी व्यक्ति गिरफ्तार कर सकता है

दंड प्रक्रिया संहिता में यह प्रावधान है कि अपराधी को निजी व्यक्ति भी गिरफ्तार करने का अधिकार रखता है। ये प्रावधान सुनिश्चित करते हैं कि न केवल पुलिस बल्कि आम नागरिक और न्यायिक अधिकारी भी आवश्यकता पड़ने पर शांति और व्यवस्था बनाए रखने के लिए अपराधी को गिरफ्तार करने की कार्रवाई कर सकते हैं। निजी व्यक्तियों और मजिस्ट्रेटों द्वारा गिरफ्तारी के लिए सीआरपीसी के तहत प्रावधान कानून और व्यवस्था बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। वे व्यक्तियों और न्यायिक अधिकारियों को अपराध देखते समय तत्काल कार्रवाई करने के लिए सशक्त बनाते हैं, जिससे सार्वजनिक शांति और सुरक्षा बनाए रखने में पुलिस को सहायता मिलती है। ये कानूनी ढांचे यह सुनिश्चित करते हैं कि गिरफ्तारी की शक्ति का उपयोग जिम्मेदारी से और कानून के अनुसार किया जाता है, दुरुपयोग के खिलाफसुरक्षा उपाय प्रदान किए जाते हैं और व्यक्तिगत अधिकारों की रक्षा की जाती है । मजिस्ट्रेटों और पुलिस अधिकारियों की सहायता करने का कर्तव्य सीआरपीसी की धारा 37 के तहत, प्रत्येक व्यक्ति विशिष्ट परिस्थितियों में मजिस्ट्रेट या पुलिस अधिकारी की सहायता करने के लिए बाध्य है। इस कर्तव्य में किसी ऐसे व्यक्ति को भागने से रोकना, जिसे गिरफ्तार करना पुलिस या मजिस्ट्रेट के लिए बाध्य है, शांति भंग होने से रोकना या दबाना, और रेलवे, नहर या टेलीग्राफ लाइनों जैसी सार्वजनिक संपत्ति को किसी भी तरह की क्षति को रोकना शामिल है।

This story is from the 05 June 2024 edition of Rising Indore.

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