भारत की असल शक्ति मानसिक और बौद्धिक
Panchjanya|29 January 2023
पाञ्चजन्य के हीरक जयंती समारोह में केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने कहा कि जो हिंदुस्तान का अनाज खाता है, हिंदुस्तान का पानी पीता है, उसको यह अधिकार है कि उसको हिंदू कहा जाए। उन्होंने किसी के विरुद्ध फतवा देने वालों को कुरान विरुद्ध ठहराते हुए कहा कि कुरान ने किसी इंसान को यह अधिकार दिया ही नहीं गया कि वह दूसरे के ईमान का फैसला कर सके
भारत की असल शक्ति मानसिक और बौद्धिक

आरिफ जी, पाञ्चजन्य से अपने जुड़ाव के बारे में बताएं।

पाञ्चजन्य से जुड़े हुए मुझे तीस साल से ज्यादा हो गए। जितना हम अपनी सांस्कृतिक विरासत से अपरिचित हैं, उससे परिचित कराना उतना ही मुश्किल है। यह दुनिया की इतनी प्राचीन संस्कृति है, इसमें निरंतरता है, लेकिन इसकी बुनियादी चीजों से हम खुद अनभिज्ञ हैं। आप केवल एक पत्र का काम नहीं कर रहे हैं। हमें हमारे सांस्कृतिक मूल्यों, सांस्कृतिक परंपराओं के बारे में बोध कराने के काम की जिम्मेदारी आपने अपने हाथ में ली हुई है, और उस लिहाज से आपकी भूमिका एक साप्ताहिक पत्र से कहीं ज्यादा बड़ी है। यह अनभिज्ञता आज भी हमें बड़े पैमाने पर देखने को मिलती है, इसलिए आपका काम खत्म नहीं हुआ है। जब किसी के बारे में मेरे मन में यह बात पैदा हो जाए यह हमसे भिन्न है, गैर है, तो उससे भय उत्पन्न होता है। भय से नफरत पैदा होती है और, नफरत से हिंसा पैदा होती है। जाहिल लोग, जिसके बारे में उनको ज्ञान नहीं होता, उसके दुश्मन बन जाते हैं। इसलिए आपकी जिम्मेदारी बहुत महत्वपूर्ण है।

पिछले कुछ दिन में मुस्लिम श्रेष्ठता बोध का प्रश्न सामाजिक विमर्श में आया है। मैं आपसे सामाजिक विमर्शो के चिंतक के तौर पर पूछता हूं, क्या एक वर्ग ने मुस्लिम समाज में एक अलग तरीके के श्रेष्ठता बोध को भरने का काम किया है और क्या वह श्रेष्ठता बोध उन्हें बाकी समाज से अलग-थलग करता है ? 

This story is from the 29 January 2023 edition of Panchjanya.

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