भविष्य के भारत की राह
Panchjanya|February 19, 2023
देश की अत्यंत महत्वाकांक्षी परियोजना नई दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे (डीएमई) के पहले चरण - सोहना (हरियाणा) - दौसा (राजस्थान) सेक्शन - को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 12 फरवरी को देश को समर्पित करेंगे। इसमें अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी के साथ पर्यावरण, स्थानीय विकास, रोजगार और भविष्य की कनेक्टिविटी का पूरा ध्यान रखा गया है। यह एक्सप्रेसवे न सिर्फ यात्रा की अवधि को कम करेगा बल्कि लोगों को विभिन्न अवसरों, विकास और सपनों की नई उड़ान भी प्रदान करेगा
वैभव डांगे
भविष्य के भारत की राह

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार 12 फरवरी को नई दिल्लीमुंबई एक्सप्रेसवे (डीएमई) के पहले चरण सोहना (हरियाणा) - दौसा (राजस्थान) सेक्शन (246 किमी) को देश को समर्पित किया। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने बताया कि इस 1,382 किलोमीटर लंबे दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे के जरिए दिल्ली और जयपुर के बीच की 280 किलोमीटर की दूरी की यात्रा में लगने वाले समय में करीब दो घंटे की कमी आने की उम्मीद है। यह पूरा एक्सप्रेस-वे 2024 तक बनकर तैयार हो जाएगा। 

राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली से देश की आर्थिक राजधानी मुंबई को जोड़ने वाला 8-लेन का यह निर्माणाधीन एक्सप्रेसवे (जिसे 12 लेन तक बढ़ाया जा सकता है) कोई साधारण एक्सप्रेसवे नहीं है। यह दुनिया का सबसे लंबा एक्सेस कंट्रोल एक्सप्रेसवे होगा। 8 मार्च, 2019 को सुषमा स्वराज और अरुण जेटली की उपस्थिति में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी द्वारा इस महत्वाकांक्षी परियोजना की आधारशिला रखी गई थी। भूमि अधिग्रहण लागत सहित परियोजना का कुल मूल्य लगभग 1,00,000 करोड़ रुपये (13.1 बिलियन अमेरिकी डॉलर) है। प्रारंभ में यह एक्सप्रेसवे 8-लेन चौड़ा होगा जिसके साथ कृषि क्षेत्रीय संपर्क मार्गों के जरिए पिछड़े क्षेत्रों को जोड़ा जाएगा जिससे मौजूदा 24 घंटे की यात्रा का समय घटकर 12 घंटे रह जाएगा। ये संपर्क मार्ग हरियाणा में मेवात, राजस्थान में दौसा और मध्य प्रदेश के पिछड़े क्षेत्रों को जोड़ेंगे। इस तरह, इन पिछड़े क्षेत्रों के लोगों के लिए भी रोजगार के कई अवसर पैदा होंगे। वैसे इसका असर अभी से ही दिखने लगा है। इन नए मार्गों के आसपास की जमीन की कीमतें तेजी से बढ़ने लगी हैं।

This story is from the February 19, 2023 edition of Panchjanya.

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