२० फरवरी को जया एकादशी है। इसका माहात्म्य व फल जानते हैं पूज्य बापूजी के सत्संग-वचनामृत से:
धर्मराज युधिष्ठिर ने भगवान श्रीकृष्ण से पूछा: "भगवन्! माघ मास के शुक्ल पक्ष में कौन-सी एकादशी होती है? उसकी विधि तथा फल क्या है?"
श्रीकृष्ण ने कहा: "राजन्! इस एकादशी का नाम ‘जया’ है। करोड़ोंकरोड़ों पापों, शापों, दुःखों और पिशाच योनि जैसे कष्टों को भी जया एकादशी हर लेती है। इसका व्रत करनेवाला व्यक्ति प्रेत योनि को प्राप्त नहीं होता और उसका ब्रह्महत्या जैसा पाप भी क्षम्य हो जाता है।
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रूहानी सौदागर संत-फकीर
१५ नवम्बर को गुरु नानकजी की जयंती है। इस अवसर पर पूज्य बापूजी के सत्संग-वचनामृत से हम जानेंगे कि नानकजी जैसे सच्चे सौदागर (ब्रहाज्ञानी महापुरुष) समाज से क्या लेकर समाज को क्या देना चाहते हैं:
पितरों को सद्गति देनेवाला तथा आयु, आरोग्य व मोक्ष प्रदायक व्रत
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कर्म करने से सिद्धि अवश्य मिलती है
गतासूनगतासुंश्च नानुशोचन्ति पण्डिताः ॥
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(गतांक के 'साध्वी रेखा बहन द्वारा बताये गये पूज्य बापूजी के संस्मरण' का शेष)
समर्थ साँईं लीलाशाहजी की अद्भुत लीला
साँईं श्री लीलाशाहजी महाराज के महानिर्वाण दिवस पर विशेष
धर्मांतरणग्रस्त क्षेत्रों में की गयी स्वधर्म के प्रति जागृति
ऋषि प्रसाद प्रतिनिधि।