अचला जी की आंखों के आंसू आज थम ही नहीं रहे थे। वह चुपचाप अपने कमरे में बैठी आंसू बहाए जा रही थी। थोड़ी सी गलती और लापरवाही का नतीजा आज उनकी लाडली काजल भुगत रही थी। अचला जी अपनी पुरानी गलतियों को याद कर रहीं थीं। जब उनके पति ने उन्हें एक नया स्मार्टफोन गिफ्ट किया था।
यू-ट्यूब, टिकटॉक और स्नैपचैट जैसे एप्लिकेशन को देखकर उनके भीतर भी खुद को वायरल करने का जोश चढ़ा था। वह अपना वीडियो और चैट इन सोशल साइट्स पर अपलोड करती रहती थी।
उस समय काजल किशोरावस्था के दहलीज पर ही थी। उसे अच्छे-बुरे की समझ नहीं थी। वह अपनी मम्मी को बहुत ही हसरतों से देखा करती थी।
समय के साथ काजल किशोरी हो गई। इस उम्र में बदलते हार्मोन के कारण कई प्रकार से शारीरिक और मानसिक परिवर्तन होते हैं। मां का गुण अब काजल में आ गया था। उसे अपने रूप और यौवन को वायरल करना था। वह भी अपना वीडियो और चैट तमाम सोशल साइट्स पर भेजती रहती थी। लेकिन उसे इतना लाइक्स और प्रचार नहीं मिला करता था जिसके कारण वह बहुत ही कुंठित रहती थी। कई बार अचला जी ने उसे समझाया भी कि इस उम्र में पढ़ाई पर ध्यान देना चाहिए न कि इन सोशल साइट्स और तामझाम के पीछे भागना चाहिए। लेकिन काजल को कुछ समझ ही नहीं आता था। उसकी आंखों में नाम और प्रसिद्धि की अंधी चमक छाई हुई थी।
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