Modern Kheti - Hindi Magazine - December 15, 2023
Modern Kheti - Hindi Magazine - December 15, 2023
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Wheat Special
किसानों से सीधे मक्का खरीदने पर नजर
सरकार मक्के को एथनॉल मिश्रण कार्यक्रम का एक प्राथमिक उत्पाद बनाने के प्रस्ताव पर विचार कर रही है। इसका कारण यह है कि हर महीने चीनी की आपूर्ति में दिक्कतें बढ़ती जा रही हैं।
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क्यों नहीं हो रहा धान का विकल्प?
पराली जलाने का मुद्दा मुख्य रूप से 15 सितंबर से 30 नवंबर की अवधि के बीच उठता है। वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग द्वारा तैयार की गई एक रिपोर्ट के मुताबिक 15 सितंबर, 2023 से 28 नवंबर, 2023 के बीच पंजाब में पराली जलाने की 36,632 घटनाएं सामने आई थीं। वहीं हरियाणा में ऐसी 2,285 घटनाएं दर्ज की गई हैं। वहीं दिल्ली-एनसीआर में जिसमें पंजाब, हरियाणा के हिस्से शामिल हैं उसमें पराली जलाने की 39,129 घटनाएं दर्ज की गई हैं। रिपोर्ट के अनुसार 15 सितंबर से 16 नवंबर, 2023 के बीच हरियाणा के फतेहाबाद में पराली जलाने की सबसे ज्यादा 476 घटनाएं दर्ज की गई। वहीं पंजाब के संगरूर में, इस अवधि के दौरान सबसे ज्यादा 5,352 घटनाएं सामने आई थीं।
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पानी में विषैले पदार्थों का पता लगाने के लिए नई तकनीक
पानी में कई तरह के रसायन हो सकते हैं जो किसी भी जीव के स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकते हैं। जिनमें से प्रति और पॉलीफ्लोरोएल्काइल पदार्थ (पीएफएएस), अत्याधिक फ्लोराइड युक्त पदार्थों का एक वर्ग है, जो लोगों और पर्यावरण के लिए खतरा पैदा करता है। इस वर्ग के विशेष रूप से खतरनाक केमिकल, जैसे कि पेरफ्लूरूक्टेन सल्फोनेट (पीएफओएस) और पेरफ्लूरूक्टैनोइक एसिड (पीएफओए) से अंगों को नुकसान और कैंसर की बीमारी हो सकती हैं, साथ ही ये अंत: स्रावी तंत्र के काम को रोक सकते हैं।
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किसानों पर कर्ज का बढ़ता बोझ
लोकप्रिय घोषणाओं से कर्ज बढ़ता रहा है। यह बढ़कर 2.52 लाख करोड़ से अधिक हो गया है। पंजाब और हरियाणा अपनी कमाई का 21 फीसदी हिस्सा ब्याज में चुका रहे हैं, जो देश में सर्वाधिक है।
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जेनरेटिव एआई कृषि क्षेत्र का बदलेगी दृश्य
भारत, अपने विशाल और विविध कृषि परिदृश्य के साथ, एक तकनीकी क्रांति के शिखर पर है और जेनरेटिव एआई कृषि क्षेत्र को बदलने की क्षमता के साथ एक जादुई गोली के रूप में उभर रहा है। अन्य उद्योगों के विपरीत, भारत में कृषि अब तक एआई जैसी परिवर्तनकारी प्रौद्योगिकियों से काफी हद तक अछूती रही है, लेकिन यह एक जबरदस्त अवसर प्रस्तुत करती है।
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हकीकत भी बनें उपज की कीमत बढ़ाने के चुनावी वादे
एनडीए सरकार ने प्रांतों की सरकारों को निर्देश दिया था कि वे गेहूं और धान की खरीद के एमएसपी पर कोई बोनस न दें, यह कहते हुए कि यदि उन्होंने ऐसा किया तो केंद्र खरीद समर्थन वापस ले लेगा- तो क्या उच्चतर कीमत को खरीद कीमतों पर पर बोनस के रूप में नहीं देखा जाएगा?
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आईआईटी नौकरी छोड़ शुरू करने वाले युवा जी.सैकेश गौड़
आजकल युवा अपनी जमी जमायी आराम की नौकरी छोड़कर गांव का रुख कर रहे हैं और खेती-किसानी को करियर विकल्प के तौर पर अपना रहे हैं। हैदराबाद के जी सैकेश गौड़ एक आईआईटी ग्रैजुएट हैं और उन्होंने टेक की नौकरी छोड़ देसी मुर्गियां बेचने के लिए रिटेल मीट सैक्टर में कदम रखा। गौड़ ने रिटेल मीट सैक्टर में एक बेंचमार्क बनाया है, जिसने कई लोगों की चिकन खरीदने के लिए रिटेल मीट की दुकान पर जाने की धारणा को बदल दिया। आज वो हर महीने एक करोड़ से ज्यादा का कारोबार कर रहे हैं।
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पौधा विज्ञानी डॉ.नटालिया ए.पीरीस
खोज के समय पीरीस ने स्वयं को नींबू के पत्तों पर होने वाले फफूंदीनुमा रोग के लिए एक माहिर के तौर पर स्थापित कर लिया। उन्होंने मौजूद पीसीआर खोज सिस्टम की जांच की और काला धब्बा रोगाणु पहचानने के लिए अपना सिस्टम तैयार किया, इसकी मौजूदा सिस्टम के साथ तुलना की और आमतौर पर नींबू के रोगों को अलग समझा।
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अश्वगंधा उगाएं, अच्छा मुनाफा पाएं
मध्य प्रदेश के नीमच और मंदसौर के बाजार अश्वगंधा के लिए दुनिया भर में लोकप्रिय हैं। हर साल अश्वगंधा की जड़ों की खरीद के लिए आयातक, देश के खरीदार, प्रोसैसर, पारंपरिक चिकित्सक, आयुर्वेदिक और सिद्ध दवा निर्माता इन बाजारों में आते हैं।
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आम की उन्नत किस्में
आम को फलों का राजा माना जाता है। भारत का राष्ट्रीय फल का दर्जा भी आम को ही मिला हुआ है। आम बहुत ही पुराने समय से भारत में उगाया जाता है। भरत में आम की बागवानी का बड़ा महत्व है। आम के उत्पादन में भारत का विश्व में प्रथम स्थान है। इसकी काश्त उष्ण एवं समशीतोष्ण दोनों प्रकार की जलवायु में अच्छी प्रकार से की जाती है। आम पोष्कात की दृष्टि से विटामीन ए व विटामीन सी का महत्वपूर्ण स्त्रोत है। रेशा और पोटाशियम भी प्रचूर मात्रा में पाया जाता है। इसकी लकड़ी फर्नीचर बनाने में इस्तेमाल होती हैं। कच्चा आम आचार, चटनी आदि बनाने में प्रयोग होता है।
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गेहूं में मूल्य श्रृंखला प्रबंधन
मौजूदा मूल्य श्रृंखला को मजबूत करने के लिए एक समग्र बहु-हितधारक प्रक्रिया की आवश्यकता है और उत्पादन के वांछित स्तर को प्राप्त करने और बेहतर सामाजिक और आर्थिक प्रभावों को सुरक्षित करने के लिए अनुसंधान-विस्तार-नीति संस्थानों के बीच एक सहक्रियात्मक दृष्टिकोण समय की आवश्यकता है। इसके अलावा, मूल्य श्रृंखला विश्लेषण अनुसंधान को प्राथमिकता देने में मदद करता है।
3 mins
शीतलहर (सर्दी) से पशुओं को बचाने के लिए पशुपालकों को सलाह
पशुओं को हरे चारे विशेषकर बरसीम या रिजका के साथ तूड़ी अथवा भूसा मिलाकर खिलाएं। इससे पशु स्वस्थ एवं निरोग बना रहेगा और दूध का उत्पादन भी कम नहीं होगा। क्योंकि केवल हरा चारा खिलाने से अफारा तथा अपच होने का भय बना रहता है।
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कर्ज और उधारी के भरोसे हैं लोकतंत्र के दिव्य स्वप्न
देहाती कहावत घर में नहीं है दानं, अम्मा चली भुनाने। सौं टका देश के उन पांच राज्यों पर लागू होती है, जहां आगामी दिनों में विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं। यह चुनाव उस दौर में हो रहे हैं जब पूरे विश्व की अर्थव्यवस्था अस्थिरता के दौर से गुजर रही है। विश्व में दो बड़े युद्ध चल रहे हैं। लेकिन कर्ज में गले तक डूबे देश के यह चुनावी राज्यों के राजनैतिक दल वोट पाने के लिए उन योजनाओं के सपने दिखा रहे हैं जो विकसित होने वाले इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए कैंसर से कम नहीं हैं।
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कल्लर भूमि के सुधार के उपाय
हरियाणा की भूमि को मोटे तौर पर दो भागों में बांटा जा सकता है - लवणीय व क्षारीय भूमि। लवणीय भूमि में मुख्यतः कैल्शियम, मैगनीशियम, सोडियम के क्लोराइड व सल्फेट से बने नमक की मात्रा अधिक होती है (0.1% ई.सी. ई. 4 डैसीसीमन या मीटर)। ऐसी भूमि को उपयुक्त फसल चक्रों व प्रबन्ध क्रियाओं को अपनाकर सुधारा जा सकता है।
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Modern Kheti - Hindi Magazine Description:
Publisher: Mehram Publications
Category: Business
Language: Hindi
Frequency: Fortnightly
Modern Kheti, as the name indicates, relates to the modern agricultural techniques; conservative and cash crops, allied professions and farm machinery through training programs or upcoming events on a national and international level. Introduced in 1987, it is the leading and most widely read agriculture based magazine throughout Northern India. Punjab and Haryana, extensively known as the food grain basket of India, has in almost every household Modern Kheti, as it caters to every aspect of farming like growing of seasonal crops, their problems & solutions, conservative and cash crop farming. It also covers – fishery, poultry dairy, bee keeping, floriculture, horticulture etc. The main aim of Modern Kheti is to keep up the spirit of farming, bond different regions and help agriculture grow. It inspires the youth to take up agriculture as farming with a lot of emphasis on organic and profitable farming. It keeps in mind the health and prosperity of all i.e. taking mankind and nature together. It is published Fortnightly in Punjabi and Hindi and covers the whole of Punjab, Haryana, Rajasthan, Himachal Pradesh, Uttaranchal etc. It is undoubtedly one of the best mediums trying to provide healthy information.
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