Modern Kheti - Hindi Magazine - January 01, 2024Add to Favorites

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In this issue

New Year Special 2024

बिगड़ रही खेतों की सेहत

यदि भूमि की गुणवत्ता में आती गिरावट का यह रुझान जारी रहता है तो इससे निपटने के लिए 2030 तक 150 करोड़ हैक्टेयर भूमि को बहाल करने की आवश्यकता होगी।

बिगड़ रही खेतों की सेहत

2 mins

फ्रोजन भोजन पदार्थों को स्टोर करने के लिए तापमान में बदलाव

क्या आप जानते हैं कि फ्रोजन फूड को स्टोर करने के लिए कितना तापमान खाद्य गुणवत्ता, पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन के नजरिए से सही है।

फ्रोजन भोजन पदार्थों को स्टोर करने के लिए तापमान में बदलाव

2 mins

खाद्य प्रणालियों को सुधारने की जरूरत

जलवायु परिवर्तन को ध्यान में रखते हुए कृषि के वर्तमान मॉडल पर की जाने वाली चर्चाओं का दौर बढ़ रहा है। यह सच है कि कृषि आज कई प्रकार से ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में योगदान करती है।

खाद्य प्रणालियों को सुधारने की जरूरत

3 mins

सब्जी वाली फसलों के साथ-साथ फूलों की खेती करने से बढ़ेगा परागण

एम एस स्वामीनाथन रिसर्च फाउंडेशन और यूनिवर्सिटी ऑफ रीडिंग के पारिस्थितिकीविदों द्वारा दक्षिण भारत में किए एक अध्ययन से पता चला है कि खाद्य फसलों के साथ की गई फूलों की खेती से न केवल परागण करने वाले जीवों को फायदा होगा, साथ ही इससे फसलों की पैदावार और गुणवत्ता में भी सुधार आ सकता है।

सब्जी वाली फसलों के साथ-साथ फूलों की खेती करने से बढ़ेगा परागण

2 mins

भारत में बायोगैस ऊर्जा स्रोतों में करेगी सुधार...

बायोगैस भारत की ऊर्जा सुरक्षा में सुधार कर सकती है, क्योंकि देश वर्तमान में अपनी ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए आयातित प्राकृतिक गैस पर बहुत अधिक निर्भर है।

भारत में बायोगैस ऊर्जा स्रोतों में करेगी सुधार...

2 mins

क्या है क्लाइमेट इंजीनियरिंग?

क्या आप जानते है कि जलवायु समाधान के रूप में पेश की जा रही क्लाइमेट इंजीनियरिंग क्या है? यह कैसे काम करती है और क्यों इसको लेकर दुनिया भर के जलवायु वैज्ञानिक एकमत नहीं हैं। आइए समझते हैं इससे जुड़े कुछ बुनियादी सवालों के जवाब

क्या है क्लाइमेट इंजीनियरिंग?

3 mins

आंवला फलोत्पादन की नवीनतम तकनीकी

फल गुण एवं महत्व : औषधीय गुणों एवं पोषक तत्वों की प्रचुर मात्रा विद्यमान होने के कारण आंवला एक महत्वपूर्ण फल है जिसके 100 ग्राम गूदे में 550-750 मि. ग्राम विटामिन सी की मात्रा पायी जाती है। इसके अलावा इसमें शर्करा एवं लवण-कैल्शियम, फास्फोरस, पौटेशियम, आयरन की मात्रा भी पायी जाती है। सूखे फल का उपयोग त्रिफला, च्वनप्राश, चूर्ण इत्यादि अन्य आयुर्वेदिक औषधियों को निर्मित करने में किया जाता है।

आंवला फलोत्पादन की नवीनतम तकनीकी

9 mins

फसल अवशेष का स्थायी समाधान

विगत साठ वर्षों से भारतीय कृषि मुख्यतः फसल उत्पादन बढ़ाने पर केंद्रित रही है और कटाई के बाद फसलों के प्रबंधन पर अधिक ध्यान नहीं दिया गया है।

फसल अवशेष का स्थायी समाधान

5 mins

जैविक खेती की सम्भावनायें

कार्बनिक खेती कोई नई अवधारणा नहीं है; यह प्राचीन काल से अभ्यास किया जा रहा है। कार्बनिक खेती एक कृषि पद्धति है जिसका लक्ष्य भूमि को खेती करना और फसलों को बढ़ाना है ताकि मिट्टी को जीवित रखा जा सके और कार्बनिक कचरे (फसल, पशु और खेत के कचरे, जलीय अपशिष्ट) और अन्य जैविक सामग्री के उपयोग से स्वास्थ्य अच्छे में रखा जा सके।

जैविक खेती की सम्भावनायें

8 mins

जैविक खेती क्यों आवश्यक?

भारत की 70 प्रतिशत से भी अधिक आबादी खेती व्यवसायों से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष तौर पर जुड़ी हुई है। दूसरे महायुद्ध के उपरांत जब विश्व की जनसंख्या में तेजी से बढ़ोतरी हुई तो इसने सरकारों और वैज्ञानिकों को सोचने के लिए विवश कर दिया।

जैविक खेती क्यों आवश्यक?

2 mins

जानिए पेस्टिसाइड उपयोग करने के तरीके तथा पेस्टिसाइड के पर्यावरण एवं मानव जीवन पर प्रभाव

परिचय : पेस्टिसाइड एक विशेष प्रकार का कीटनाशक होता है जो विभिन्न प्रकार के कीटों, कीटाणुओं और विषाणुओं को नष्ट करने के लिए उपयोग में लाया जाता है। यह कृषि उत्पादन में कीटों के खिलाफ लड़ाई करने का एक महत्वपूर्ण उपकरण है जो फसलों की वृद्धि और उत्पादकता को सुनिश्चित करने में मदद करता है। पेस्टिसाइड विभिन्न रूपों में उपलब्ध होते हैं, जिनमें शामिल हैं :

जानिए पेस्टिसाइड उपयोग करने के तरीके तथा पेस्टिसाइड के पर्यावरण एवं मानव जीवन पर प्रभाव

7 mins

चाइनीज पत्ता गोभी की उन्नत खेती

यह भी एक विदेशी सब्जी है जिसको विलायती या चाइनीज-कैबेज कहते हैं। इस प्रकार के पत्ता गोभी को आजकल धीरे-धीरे शहरी क्षेत्रों में उगाने लगे हैं। इस सब्जी को भी माडर्न-सब्जी बाजारों एवं दुकानों पर अधिक बिक्री के लिये रखा जाता है।

चाइनीज पत्ता गोभी की उन्नत खेती

4 mins

सरसों फसल में समेकित नाशीजीव प्रबंधन (आई पी एम) कैसे करें

प्रौढ़ दोनों सरसों फसल में पौधों के विभिन्न भागों से रस चूसते हैं। यह प्रायः दिसम्बर के अन्त से लेकर फरवरी के अन्त तक सक्रिय रहता है। इस कीट की आर्थिक हानि की सीमा 10 से 20 माहू मध्य तना के 10 सैंटीमीटर भाग में है। इससे उपज में लगभग 25 से 40 प्रतिशत तक की हानि हो सकती है।

सरसों फसल में समेकित नाशीजीव प्रबंधन (आई पी एम) कैसे करें

5 mins

सब्जियों में कीट एवं रोग प्रबंधन

वर्तमान समय में किसानों के लिए सब्जी ही एक मात्र खेती की जाने वाली फसल है। सब्जी की खेती से किसान को अधिक मुनाफा भी होता है लेकिन सब्जी में रोग तथा कीट का भी अधिक प्रकोप रहता है जिससे फसल को काफी नुकसान पहुँचता है। सब्जी की खेती में होने वाले रोग तथा कीट के नियंत्रण के लिए पूरी जानकारी इस तरह है।

सब्जियों में कीट एवं रोग प्रबंधन

3 mins

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Modern Kheti - Hindi Magazine Description:

PublisherMehram Publications

CategoryBusiness

LanguageHindi

FrequencyFortnightly

Modern Kheti, as the name indicates, relates to the modern agricultural techniques; conservative and cash crops, allied professions and farm machinery through training programs or upcoming events on a national and international level. Introduced in 1987, it is the leading and most widely read agriculture based magazine throughout Northern India. Punjab and Haryana, extensively known as the food grain basket of India, has in almost every household Modern Kheti, as it caters to every aspect of farming like growing of seasonal crops, their problems & solutions, conservative and cash crop farming. It also covers – fishery, poultry dairy, bee keeping, floriculture, horticulture etc. The main aim of Modern Kheti is to keep up the spirit of farming, bond different regions and help agriculture grow. It inspires the youth to take up agriculture as farming with a lot of emphasis on organic and profitable farming. It keeps in mind the health and prosperity of all i.e. taking mankind and nature together. It is published Fortnightly in Punjabi and Hindi and covers the whole of Punjab, Haryana, Rajasthan, Himachal Pradesh, Uttaranchal etc. It is undoubtedly one of the best mediums trying to provide healthy information.

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