FPO निर्माण एवं प्रबंध
Modern Kheti - Hindi|15th August 2023
किसान उत्पादक संगठन एक ऐसा उत्पादक संगठन है जिसके सदस्य सिर्फ किसान ही हो सकते हैं। कृषि एवं सहायक व्यवसायों से जुड़े व्यक्ति प्राथमिक उत्पादक माने जाते हैं। कृषि, बागवानी, पशुपालन, मक्खी पालन, मछली पालन इत्यादि व्यवसायों से जुड़े व्यक्ति उचित उत्पादक संगठन के सदस्य बन सकते हैं। राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक (NABARD) एवं स्मॉल फार्मर्ज एग्रीबिजनस कनसौरटियम (SFAC) के अलावा कई कृषि क्षेत्र से जुड़े अदारे किसान उत्पादक संगठनों को प्रोत्साहन दे रहे हैं।
डॉ. खुशदीप धरनी
FPO निर्माण एवं प्रबंध

मौजूदा कृषि संबंधित चुनौतियों के मद्देनजर कृषि व्यापार प्रभावी समाधान देने के समर्थ है। घटती भूमि की मल्कीयत एवं मंडी के बीच वाले मुकाबलों में तेजी के संदर्भ में कृषि व्यापार की अहमियत दिनों-दिन बढ़ रही है। आमतौर पर किसान लागत एवं मंडीकरण के तौर पर मंडी में टिके रहने में कठिनाई महसूस करते हैं। उत्पादन के छोटे स्तर इस दृश्य का मुख्य कारक बनते हैं। अकेला किसान सीमित स्रोतों एवं उत्पादन के कारण अपेक्षित स्तर नहीं छू सकता और मुकाबलों में पिछड़ जाता है। यह बात सिर्फ खरीद एवं उत्पादन पर ही लागू नहीं होती परंतु प्रोसैस्सिंग एवं मंडीकरण में भी छोटे स्तर पर काम करने के तौर पर कई मुश्किलें पेश आती हैं। आमतौर पर किसान उत्पादन में महारत हासिल कर लेते हैं परंतु मंडी के साथ जुड़ाव से वंचित रह जाते हैं। मंडी के साथ जुड़ाव की कमी सिर्फ कम आमदनी का संयोग नहीं बनती बल्कि कृषि विभिन्नता की कई संभावनाओं पर प्रश्न खड़े करती है। नीति निर्माताओं एवं आविष्कारों की ओर से उपरोक्त प्रश्नों के उत्तर के लिए कई विकल्प बनाये गए हैं। अकेले किसान की छोटे स्तर पर काम करने की समस्या के तोड़ में किसान उत्पादक संगठन (फार्मर प्रोड्यूसर ऑर्गेनाईजेशन FPO) एक प्रभावी विकल्प के तौर पर उभर कर आई है। आमतौर पर किसान उत्पादक संगठन को बनाने एवं चलाने के संबंध में किसानों के मन में काफी सारी प्रश्न होते हैं। इस लेख के द्वारा इन प्रश्नों का उत्तर देने का प्रयास किया गया है।

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सर्दी में गोभीवर्गीय सब्जियों (फूलगोभी, बंदगोभी व गांठगोभी) का बहुत महत्व है क्योंकि सर्दी में सब्जियों के आधे क्षेत्रफल में यही सब्जियां बोई जाती हैं। इन सब्जियों को कैल्शियम, मैग्नीशियम, फॉस्फोर्स, विटामिन ए एवं सी इत्यादि का अच्छा स्रोत माना जाता है।

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सरसों (Brassica spp.) एक महत्वपूर्ण तिलहनी फसल है, जो पोषण और व्यवसायिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण है। भारत में सरसों का उपयोग मुख्यतः खाद्य तेल, मसाले और औषधि के रूप में किया जाता है।

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गेहूं में मुख्य पोषक तत्वों का संतुलित प्रयोग अति आवश्यक है। प्रायः किसान भाई उर्वरकों में डी.ए.पी. व यूरिया का अधिक प्रयोग करते हैं और पोटाश का बहुत कम प्रयोग करते हैं।

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ग्रामीण विकास मंत्रालय की ओर से कमियां पूरी करें और गुणवत्ता बढ़ाने के लिए संबंधित विभागों से कनवरजैंस के लिए जोर दिया जाता है। जैसे खेतीबाड़ी, बागवानी, वानिकी, जल संसाधन, सिंचाई, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना, नेशनल रूरल लिवलीहुड मिशन और अन्य प्रोग्रामों के सहयोग से जो कि मनरेगा अधीन निर्माण की संपति की क्वालिटी को सुधारना और टिकाऊ बनाया जा सके।

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कृषि-वानिकी : कृषि वानिकी भू-उपयोग की वह पद्धति है जिसके अंतर्गत सामाजिक तथा पारिस्थितिकीय रुप से उचित वनस्पतियों के साथ-साथ कृषि फसलों या पशुओं को लगातार या क्रमबद्ध ढंग से शामिल किया जाता है। कृषि वानिकी में खेती योग्य भूमि पर फसलों के साथ-साथ वृक्षों को भी उगाया जाता है। इस प्रणाली द्वारा उत्पाद के रुप में ईंधन की लकड़ी, हरा चारा, अन्न, मौसमी फल इत्यादि आसानी से उपलब्ध हो जाते हैं। इस प्रणाली को अपनाने से भूमि की उपयोगिता बढ़ जाती है।

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'रिचेस्ट फार्मर ऑफ इंडिया' अवार्ड प्राप्त करने वाली सफल महिला किसान-नीतुबेन पटेल
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'रिचेस्ट फार्मर ऑफ इंडिया' अवार्ड प्राप्त करने वाली सफल महिला किसान-नीतुबेन पटेल

नीतूबेन पटेल ने जैविक कृषि में उत्कृष्ट योगदान देकर \"सजीवन\" नामक फार्म की स्थापना की, जो 10,000 एकड़ में 250 जैविक उत्पाद उगाता है। उन्होंने 5,000 किसानों और महिलाओं को प्रशिक्षित कर जैविक खेती में प्रेरित किया।

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