बिना लाइसैंस बीज बिक्री
Modern Kheti - Hindi|January 01, 2024
कृषक को अबीज आपूर्ति करना उसे आत्म हत्या के लिए मजबूर करने के समान है और भारतीय दण्ड संहिता के तहत दण्डनीय अपराध है। बीज की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए भारत सरकार के कई कानून लागू हैं जैसे बीज अधिनियम-1966, बीज नियम-1968, बीज नियन्त्रण आदेश-1983 तथा बीज प्रमाणीकरण के लिए भारतीय न्यूनतम बीज प्रमाणीकरण मानक-2013 तथा भारतीय बीज प्रमाणिकरण वर्किंग मैन्युअल2021 आदि।
आर.बी. सिंह
बिना लाइसैंस बीज बिक्री

बीज नियन्त्रण आदेश- 1983 से पूर्व, बीज विक्रय करने के लिए कोई लाइसेंस प्रथा नहीं थी परन्तु उसके लागू होने पर अधिसूचित और गैर अधिसूचित किस्मों का न्यूकलियस, ब्रीडर, आधार, प्रमाणित, टैस्ट स्टॉक तथा लेबल बीज, बीज की परिभाषा में आ गये। अतः प्रत्येक प्रकार का बीज लाइसेंस लेकर बेचना अनिवार्य हुआ।

1. ब्रीडर न्यूकलियस, बीज विक्रय : ब्रीडर और न्यूकलियस टैस्ट स्टॉक बीज, टी.एल. बीज, आलु टी.पी.एस. (True Potato Seed), आलू का टिशु कलचर द्वारा बेचा जाने वाला बीज, महाराणा प्रताप बागवानी विश्वविद्यालय, करनाल, हरियाणा बागवानी की पौधों की कटिंग, ग्राफ्टींग या अन्य प्रकार से तैयार पौधे तथा सब्जी बीज, IIWBRकरनाल, IARI- करनाल, HAU Uchani, Karnal, HAU SST, HAU Vegetable Section, हिसार HAU-Bawal, Sirsa, Kaul केन्द्रों तथा देश के अनेकों विश्वविद्यालयों, अनुसन्धान संस्थानों द्वारा किसी भी प्रकार का ब्रीडर न्यूकलियस बीज बेचने के लिए लाइसेंस आवश्यक है।

2. छूट नहीं : आवश्यक वस्तु अधिनियम-1955 से बीज नियन्त्रण आदेश निरूपित करने पर सभी प्रकार के बीजों की बिक्री संस्थाएं बिना बीज बिक्री लाइसेंस के बीज विक्रय करती हैं। इन संस्थाओं को लाइसैंस न लेने पर छूट भी नहीं है। और ये संस्थाएं बिना लाइसेंस के बीज विक्रय कर रही हैं। 

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