हिंदी सिनेमा की सबसे खूबसूरती यही है कि यहां रोज समीकरण बदलते हैं। यहां कोई भी आज तक गारंटी नहीं दे पाया कि कामयाबी का यही फॉर्मूला है
ओएमजी 2 से जुड़ने की कोई खास वजह?
आजकल हिंदी सिनेमा में प्रोजेक्ट अधिक बनते हैं और फिल्में कम। मेरे पास ओएमजी 2 के निर्देशक अमित राय का कॉल आया तो मुझे लगा कि वह ईमानदारी से फिल्म बना रहे हैं। उनका कहना था कि एक वह जरूरी मुद्दे पर फिल्म बनाना चाहते हैं और वह भी बिना किसी समझौते, कंट्रोवर्सी के। अमित ने मुझे बताया कि वे नहीं चाहते हैं फिल्म की कहानी को कंट्रोवर्सी या सेंसेशन में फंसा कर सस्ती लोकप्रियता हासिल की जाए। उन्होंने पहले दिन से कहा कि हम सच्ची कहानी कहेंगे और अपनी शर्तों पर कहेंगे। इस ईमानदारी ने मुझे प्रेरित किया कि मैं ओएमजी 2 का हिस्सा बनूं।
आपने पहले भी वकील का किरदार निभाया है। ओएमजी 2 में निभाए गए वकील के किरदार के लिए आपने क्या तैयारियां की?
कई बार कलाकार अपने पुराने काम से प्रेरणा लेते हैं, लेकिन मैं अपनी फिल्म की शूटिंग खत्म होने के बाद पुराने किरदार से बाहर निकल जाती हूं। मैंने ओएमजी 2 के निर्देशक अमित राय से कहा था कि वे आश्वस्त करें कि मेरे अभिनय में पुराने काम की छाप न नजर आए। ओएमजी 2 में अपने किरदार के लिए मैंने जीरो से शुरुआत की। मैंने किरदार की भाषा, चाल ढाल, पृष्ठभूमि पर काम किया। मैंने बार-बार स्क्रिप्ट पढ़ी। जब आप स्क्रिप्ट को समझते हैं, तो आप किरदार का चरित्र पकड़ लेते हैं। फिर किरदार निभाने में आसानी होती है और श्रेष्ठ प्रदर्शन कर पाते हैं।
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