भारतीय अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (आइएफएफआई) का 55वां संस्करण गोवा में संपन्न हुआ। इस बार के महोत्सव में दुनिय भर की विविध संस्कृतियों पर आधारित फिल्मों की शैली और फिल्म निर्माण का उत्सव मनाया गया, जिसमें भारत हमेशा की तरह आकर्षण का केंद्र बना रहा। भारत के प्रतिष्ठित फिल्म निर्माता शेखर कपूर ने इस बार महोत्सव के निदेशक के रूप में अपनी भूमिका निभाई। इसके साथ ही वृहद संचालन समिति में फिल्म उद्योग के प्रतिष्ठित नाम बॉबी बेदी, खुशबू सुंदर, प्रसून जोशी और जेरोम पिलार्ड शामिल थे।
इस वर्ष फिल्म बाजार का 18वां आयोजन था। वर्तमान में यह दक्षिण एशिया का सबसे बड़ा फिल्म बाजार है। इसमें फिल्म बाजार के विभिन्न क्षेत्रों में 350 से अधिक फिल्म परियोजनाएं प्रदर्शित की गईं। बाजार की टीम ने 'मार्च डू कान्स' के पूर्व बाजार प्रमुख जेरोम पिलार्ड के मार्गदर्शन में अथक परिश्रम किया। फिल्म बाजार का उद्देश्य करियर के बीच में स्तरीय सफलता वाले निर्माताओं के पास फिल्म को कैसे पेश किया जाए, उसका बजट कैसे बनाया जाए और उसे वैश्विक स्तर पर सफल कैसे बनाया जाए, इस बारे में सलाह देना था। बाजार में लगभग 2000 प्रतिनिधि आए। ऑस्ट्रेलिया, भूटान, बेलारूस, हांगकांग, जापान, किर्गिस्तान, रूस, सऊदी अरब, स्पेन और युनाइटेड किंगडम ने इस आयोजन की व्यापक अंतरराष्ट्रीय अपील को प्रदर्शित किया। इन देशों ने अपनी अनूठी फिल्म निर्माण संस्कृतियों और दृष्टिकोणों के साथ, तेजी से विकसित हो रहे उद्योग में सीमापार सहयोग के महत्व को चिन्हित किया।
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