चढ़ते चुनावी रंग के बीच झारखंड से कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य धीरज साहू के ठिकानों पर आयकर के छापे और साढ़े तीन सौ करोड़ रुपये से अधिक की बरामदगी ने भाजपा को बड़ा मौका दे दिया है। हालांकि कांग्रेस के बाद खुद धीरज साहू ने बरामद पैसों से किनारा कर लिया है। इसके बावजूद आने वाले दिनों में इसके लंबे राजनीतिक असर की आशंका है। धीरज साहू के झारखंड, ओडिशा और पश्चिम बंगाल के करीब एक दर्जन ठिकानों पर रेड में ये पैसे मिले। अभी आभूषण और बैंकों में जमा राशि का हिसाब आना बाकी है।
आयकर के छापे के साथ भाजपा ने इसे मुद्दा बना दिया। खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक्स (पहले ट्विटर) पर कई पोस्ट किये। पहले पोस्ट में उन्होंने एक अखबार में छपी खबर को अटैच किया। उनके पोस्ट के साथ भाजपा के तमाम नेता इसे लेकर कूद पड़े। केंद्रीय नेताओं, प्रवक्ताओं से लेकर प्रदेश अध्यक्ष और दूसरे तमाम नेताओं ने कांग्रेस और प्रदेश की हेमंत सोरेन सरकार पर हमला बोलना शुरू कर दिया। उसी दिन भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके पूरे झारखंड में विरोध प्रदर्शन का आयोजन कर दिया। धीरज साहू की गिरफ्तारी, मामले की ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) या सीबीआइ से जांच की मांग करने लगे। रेड के चार दिनों के बाद 10 दिसंबर को रांची पहुंचे कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडेय ने इससे पल्ला झाड़ लिया। उन्होंने कहा कि इससे पार्टी का कोई लेनादेना नहीं।
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