आगत का संकेत ही पूरा वर्ष बन जाए, ऐसा विरले ही होता है। 2023 खुलते ही यह एहसास दिलाने लगा, जैसे उसका वजूद बस आने वाले दिनों के पूर्वाभास के लिए ही हैं। बीते वर्ष देश और दुनिया में जितनी घटनाएं हुईं, सब भविष्य के बदलते परिवेश का जैसे लक्षण भर थीं, जिनमें अशुभ संकेत ही ज्यादा हैं। देश की राजनीति के मामले में तो बेशक इस वर्ष को अपने उत्तराधिकारी 2024 में केंद्र की सत्ता के महासंग्राम के पहले राजनैतिक इबारतों को कुछ हद तक साफ करना था, लेकिन समाज, पर्यावरण और दुनिया में हुई घटनाओं ने भी आगे खुलने वाले दिनों और बरसों की झीनी तस्वीर बयां कर दीं। ये तस्वीरें उम्मीद का आकाश कम, नाउम्मीदी के घने अंधियारे पाताल का संकेत ही देती हैं।
अपने देश में वर्ष शुरू होते ही हिंडनबर्ग रिपोर्ट आई, जिससे दुनिया के अरबपतियों में दूसरे और देश में पहले पायदान पर खड़ा अदाणी समूह कुछ ही दिनों में काफी नीचे लुढ़क गया। इससे संसद का बजट सत्र हंगामेदार रहा और कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सरकार को कठघरे में खड़ा कर दिया। सरकार ने मौन रखना ही बेहतर समझा। फिर अचानक राहुल गांधी को 2019 के लोकसभा चुनावों के दौरान दिए एक भाषण के कुछ टुकड़ों पर गुजरात की एक अदालत ने दो साल की सजा सुना दी तो फटाफट उनकी लोकसभा सदस्यता खत्म हो गई। बाद में जुलाई में सुप्रीम कोर्ट ने फैसला पलटा तो बहाल हुई। ऐसे ही कथित तीखे बयानों से आम आदमी पार्टी के संजय सिंह और तृणमूल की महुआ मोइत्रा को नतीजे भुगतने पड़े, हालांकि उनके खिलाफ मामले दूसरे थे।
लेकिन कांग्रेस ने पिछले साल हिमाचल प्रदेश के बाद कर्नाटक विधानसभा चुनावों में जीत दर्ज करके विपक्ष के तेवरों को हवा दी और 28 विपक्षी पार्टियों का 'इंडिया' गठबंधन तैयार हो गया। फिर साल के अंत में पांच राज्यों मिजोरम, तेलंगाना, मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ के चुनावों में हिंदी पट्टी के तीनों राज्य भाजपा की झोली में गए तो हवा का रुख दूसरा हुआ। भाजपा ने अपने खाते में जी-20 देशों के शिखर सम्मेलन के सफल आयोजन और नई संसद के उद्घाटन के साथ सांकेतिक महिला आरक्षण विधेयक का पारित होना भी शामिल किया। चंद्रयान-3 के की कामयाबी बड़ी उपलब्धि रही।
This story is from the January 22, 2024 edition of Outlook Hindi.
Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 9,000+ magazines and newspapers.
Already a subscriber ? Sign In
This story is from the January 22, 2024 edition of Outlook Hindi.
Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 9,000+ magazines and newspapers.
Already a subscriber? Sign In
'वाह उस्ताद' बोलिए!
पहला ग्रैमी पुरस्कार उन्हें विश्व प्रसिद्ध संगीतकार मिकी हार्ट के साथ काम करके संगीत अलबम के लिए मिला था। उसके बाद उन्होंने कुल चार ग्रैमी जीते
सिने प्रेमियों का महाकुंभ
विविध संस्कृतियों पर आधारित फिल्मों की शैली और फिल्म निर्माण का सबसे बड़ा उत्सव
विश्व चैंपियन गुकेश
18वें साल में काले-सफेद चौखानों का बादशाह बन जाने वाला युवा
सिनेमा, समाज और राजनीति का बाइस्कोप
भारतीय और विश्व सिनेमा पर विद्यार्थी चटर्जी के किए लेखन का तीन खंडों में छपना गंभीर सिने प्रेमियों के लिए एक संग्रहणीय सौगात
रफी-किशोर का सुरीला दोस्ताना
एक की आवाज में मिठास भरी गहराई थी, तो दूसरे की आवाज में खिलंदड़ापन, पर दोनों की तुलना बेमानी
हरफनमौला गायक, नेकदिल इंसान
मोहम्मद रफी का गायन और जीवन समर्पण, प्यार और अनुशासन की एक अभूतपूर्व कहानी
तुम मुझे यूं भुला ना पाओगे
रफी जैसा बनने में केवल हुनर काम नहीं आता, मेहनत, समर्पण और शख्सियत भी
'इंसानी भावनाओं को पर्दे पर उतारने में बेजोड़ थे राज साहब'
लव स्टोरी (1981), बेताब (1983), अर्जुन (1985), डकैत (1987), अंजाम (1994), और अर्जुन पंडित (1999) जैसी हिट फिल्मों के निर्देशन के लिए चर्चित राहुल रवैल दो बार सर्वश्रेष्ठ निर्देशक के लिए फिल्मफेयर पुरस्कार के लिए नामांकित हो चुके हैं।
आधी हकीकत, आधा फसाना
राज कपूर की निजी और सार्वजनिक अभिव्यक्ति का एक होना और नेहरूवादी दौर की सिनेमाई छवियां
संभल की चीखती चुप्पियां
संभल में मस्जिद के नीचे मंदिर होने का दावा करने वाली याचिका के बाद हुई सांप्रदायिकता में एक और कड़ी