झारखंड ने एनडीए या कहें भाजपा को लोकसभा झा चुनाव में गहरा झटका दिया है। इंडिया गठबंधन ने अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित सभी पांच सीटों खूंटी, लोहरदगा, चाईबासा, दुमका, राजमहल से भाजपा को बेदखल कर दिया है। एनडीए गठबंधन ने झारखंड की 14 लोकसभा सीटों में से नौ पर कब्जा बरकरार रखा है। आठ पर भाजपा और एक पर सहयोगी आजसू ने जीत हासिल की है। पहले यह आंकड़ा 11 और एक का था। 2019 के संसदीय चुनाव की तुलना में तीन सीटें कम हैं मगर इन तीन सीटों के नुकसान ने भाजपा को गहरा सदमा दिया है। खूंटी से केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा, लोहरदगा से भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष समीर उरांव को पराजय का सामना करना पड़ा है। चाईबासा से गीता कोड़ा, दुमका से शिबू सोरेन की बड़ी बहू सीता सोरेन और राजमहल से ताला मरांडी पराजित हुए। पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा की चाईबासा सीट से कांग्रेस सांसद गीता कोड़ा को चुनाव के पहले भाजपा में शामिल कराकर पार्टी ने टिकट दिया था। चाईबासा सीट इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि अमित शाह ने यहीं से चुनाव अभियान की शुरुआत की थी।प्रधानमंत्री ने भी यहां चुनावी सभा की थी। शिबू सोरेन के घराने में सेंधमारी करते हुए भाजपा ने संताल जामा से तीन बार की विधायक और उनकी बड़ी बहू सीता सोरेन को दुमका से उतारा था।
This story is from the June 24, 2024 edition of Outlook Hindi.
Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 9,000+ magazines and newspapers.
Already a subscriber ? Sign In
This story is from the June 24, 2024 edition of Outlook Hindi.
Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 9,000+ magazines and newspapers.
Already a subscriber? Sign In
'वाह उस्ताद' बोलिए!
पहला ग्रैमी पुरस्कार उन्हें विश्व प्रसिद्ध संगीतकार मिकी हार्ट के साथ काम करके संगीत अलबम के लिए मिला था। उसके बाद उन्होंने कुल चार ग्रैमी जीते
सिने प्रेमियों का महाकुंभ
विविध संस्कृतियों पर आधारित फिल्मों की शैली और फिल्म निर्माण का सबसे बड़ा उत्सव
विश्व चैंपियन गुकेश
18वें साल में काले-सफेद चौखानों का बादशाह बन जाने वाला युवा
सिनेमा, समाज और राजनीति का बाइस्कोप
भारतीय और विश्व सिनेमा पर विद्यार्थी चटर्जी के किए लेखन का तीन खंडों में छपना गंभीर सिने प्रेमियों के लिए एक संग्रहणीय सौगात
रफी-किशोर का सुरीला दोस्ताना
एक की आवाज में मिठास भरी गहराई थी, तो दूसरे की आवाज में खिलंदड़ापन, पर दोनों की तुलना बेमानी
हरफनमौला गायक, नेकदिल इंसान
मोहम्मद रफी का गायन और जीवन समर्पण, प्यार और अनुशासन की एक अभूतपूर्व कहानी
तुम मुझे यूं भुला ना पाओगे
रफी जैसा बनने में केवल हुनर काम नहीं आता, मेहनत, समर्पण और शख्सियत भी
'इंसानी भावनाओं को पर्दे पर उतारने में बेजोड़ थे राज साहब'
लव स्टोरी (1981), बेताब (1983), अर्जुन (1985), डकैत (1987), अंजाम (1994), और अर्जुन पंडित (1999) जैसी हिट फिल्मों के निर्देशन के लिए चर्चित राहुल रवैल दो बार सर्वश्रेष्ठ निर्देशक के लिए फिल्मफेयर पुरस्कार के लिए नामांकित हो चुके हैं।
आधी हकीकत, आधा फसाना
राज कपूर की निजी और सार्वजनिक अभिव्यक्ति का एक होना और नेहरूवादी दौर की सिनेमाई छवियां
संभल की चीखती चुप्पियां
संभल में मस्जिद के नीचे मंदिर होने का दावा करने वाली याचिका के बाद हुई सांप्रदायिकता में एक और कड़ी