रामलला की धरती अयोध्या और उत्तर प्रदेश में गहरा झटका लगने के बाद जगन्नाथ स्वामी की जमीन ओडिशा से आए नतीजों पर प्रधानमंत्री और भाजपा ने राहत की सांस ली होगी, लेकिन उम्र के आखिरी पड़ाव पर खड़े राज्य के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक लिए यह किसी बुरे सपने के जैसा है। छठवीं बार ओडिशा का मुख्यमंत्री बनकर वे देश के सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री बने रहने का रिकार्ड बनाने का सपना संजोए हुए थे। यह रिकॉर्ड तो अब नहीं बनेगा क्योंकि राज्य की सत्ता भी उनके हाथ से फिसल गई है। अभी वे सिक्किम के मुख्यमंत्री पवन चामलिंग के रिकॉर्ड बराबर थे। विधानसभा चुनाव के नतीजों से पटनायक का किला ढह गया है।
भाजपा ने संसदीय चुनाव में पटनायक के किले में सेंध लगाते हुए 21 में से 20 संसदीय सीटों पर कब्जा कर लिया है। 2000 से ओडिशा में बीजू जनता दल (बीजद) की सरकार है, तब से नवीन पटनायक लगातार मुख्यमंत्री हैं। ओडिशा के दो टर्म मुख्यमंत्री रहे बीजू पटनायक के पुत्र नवीन पटनायक 77 साल के हो चुके हैं। अटल बिहारी बाजपेयी सरकार में इस्पात एवं खान मंत्री रहे पटनायक गठबंधन से अलग रहने के बावजूद राष्ट्रीय मुद्दों पर एनडीए के स्टैंड का लगातार समर्थन करते रहे। फिर चाहे वह राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति का चुनाव हो, नोटबंदी, अनुच्छेद 370 हटाने, जीएसटी बिल या नागरिकता संशोधन कानून जैसे मुद्दे। वे लगातार केंद्र को समर्थन करते रहे हैं।
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