हिंदी सिनेमा में बलात्कार की संस्कृति
Outlook Hindi|September 30, 2024
बलात्कार की संस्कृति को हिंदी फिल्मों ने लगातार वैधता दी है और उसे प्रचारित किया है
सौम्या बैजल
हिंदी सिनेमा में बलात्कार की संस्कृति

लात्कार महज एक जघन्य अपराध नहीं है। यह सत्ता के ढांचों के भीतर औरतों की गुलामी और उनके साथ की जाने वाली हिंसा को वैधता प्रदान करने की संस्कृति को रचने का एक जरिया भी है। चाहे घर हो, दफ्तर या सार्वजनिक स्थान, औरतों को महज देह मानकर बरता जाता है, जिसके पीछे यह सोच काम करती है कि वे आदमियों के बराबर नहीं होती हैं। यह उनका अमानवीकरण है। औरतों को इंसान न मानना ही बलात्कार की संस्कृति की बुनियाद डालता है। भारतीय सिनेमा लंबे समय से बलात्कार की संस्कृति को वैधता दिलवा रहा और प्रचारित कर रहा है। अश्लील चित्रण के माध्यम से औरतों को भोग्य और काम्य वस्तु की तरह दिखलाना, नायक और खलनायक के बीच सत्ता संघर्ष में औरत को चारे की तरह बरतना, पुरुषों के बरअक्स औरतों के ऊपर नियंत्रण की पितृसत्तात्मक सोच को बढ़ावा देना और मर्दों को उनका संकटमोचन बनाकर दिखलाना- इन सब हरकतों से हिंदी सिनेमा ने अभिव्यक्ति के तमाम माध्यमों में बलात्कार की संस्कृति को उकसाने का काम किया है- चाहे वे गीत हों, संवाद या फिर दृश्य।

पचास के दशक के सिनेमा में नेहरू का समाजवादी आशावाद औरतों के किरदार को केंद्र में रखता था। पितृसत्ता ने साठ के दशक से अपना सिर उठाना शुरू किया। फिर सत्तर के दशक से औरतों को सहायक भूमिकाओं तक समेट दिया गया, जो केवल मर्दाना अफसानों को पुष्ट करने के काम आती रहीं। हर जगह यही कहानी होती थी कि किसी आदमी यानी हीरो की प्रेमिका या मां पर बुरी नजर डालने या कुकृत्य का भागी पुरुष विलेन बनकर उभरता था। फिर हीरो की जिंदगी का मकसद उस खलनायक को खत्म करके बदला पूरा करना होता था। इस तरह वह औरतों का संकटमोचन बनकर उभरता। इस तरह से औरतों के किरदार की अपनी चाहतें और भूमिकाएं खत्म की गईं। उसे मर्दों के संदर्भ में परिभाषित किया जाने लगा। वह हीरो को गढ़ने के काम में आने लगीं।

This story is from the September 30, 2024 edition of Outlook Hindi.

Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 9,000+ magazines and newspapers.

This story is from the September 30, 2024 edition of Outlook Hindi.

Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 9,000+ magazines and newspapers.

MORE STORIES FROM OUTLOOK HINDIView All
'वाह उस्ताद' बोलिए!
Outlook Hindi

'वाह उस्ताद' बोलिए!

पहला ग्रैमी पुरस्कार उन्हें विश्व प्रसिद्ध संगीतकार मिकी हार्ट के साथ काम करके संगीत अलबम के लिए मिला था। उसके बाद उन्होंने कुल चार ग्रैमी जीते

time-read
4 mins  |
January 06, 2025
सिने प्रेमियों का महाकुंभ
Outlook Hindi

सिने प्रेमियों का महाकुंभ

विविध संस्कृतियों पर आधारित फिल्मों की शैली और फिल्म निर्माण का सबसे बड़ा उत्सव

time-read
3 mins  |
January 06, 2025
विश्व चैंपियन गुकेश
Outlook Hindi

विश्व चैंपियन गुकेश

18वें साल में काले-सफेद चौखानों का बादशाह बन जाने वाला युवा

time-read
3 mins  |
January 06, 2025
सिनेमा, समाज और राजनीति का बाइस्कोप
Outlook Hindi

सिनेमा, समाज और राजनीति का बाइस्कोप

भारतीय और विश्व सिनेमा पर विद्यार्थी चटर्जी के किए लेखन का तीन खंडों में छपना गंभीर सिने प्रेमियों के लिए एक संग्रहणीय सौगात

time-read
10 mins  |
January 06, 2025
रफी-किशोर का सुरीला दोस्ताना
Outlook Hindi

रफी-किशोर का सुरीला दोस्ताना

एक की आवाज में मिठास भरी गहराई थी, तो दूसरे की आवाज में खिलंदड़ापन, पर दोनों की तुलना बेमानी

time-read
5 mins  |
January 06, 2025
हरफनमौला गायक, नेकदिल इंसान
Outlook Hindi

हरफनमौला गायक, नेकदिल इंसान

मोहम्मद रफी का गायन और जीवन समर्पण, प्यार और अनुशासन की एक अभूतपूर्व कहानी

time-read
5 mins  |
January 06, 2025
तुम मुझे यूं भुला ना पाओगे
Outlook Hindi

तुम मुझे यूं भुला ना पाओगे

रफी जैसा बनने में केवल हुनर काम नहीं आता, मेहनत, समर्पण और शख्सियत भी

time-read
10 mins  |
January 06, 2025
'इंसानी भावनाओं को पर्दे पर उतारने में बेजोड़ थे राज साहब'
Outlook Hindi

'इंसानी भावनाओं को पर्दे पर उतारने में बेजोड़ थे राज साहब'

लव स्टोरी (1981), बेताब (1983), अर्जुन (1985), डकैत (1987), अंजाम (1994), और अर्जुन पंडित (1999) जैसी हिट फिल्मों के निर्देशन के लिए चर्चित राहुल रवैल दो बार सर्वश्रेष्ठ निर्देशक के लिए फिल्मफेयर पुरस्कार के लिए नामांकित हो चुके हैं।

time-read
5 mins  |
January 06, 2025
आधी हकीकत, आधा फसाना
Outlook Hindi

आधी हकीकत, आधा फसाना

राज कपूर की निजी और सार्वजनिक अभिव्यक्ति का एक होना और नेहरूवादी दौर की सिनेमाई छवियां

time-read
8 mins  |
January 06, 2025
संभल की चीखती चुप्पियां
Outlook Hindi

संभल की चीखती चुप्पियां

संभल में मस्जिद के नीचे मंदिर होने का दावा करने वाली याचिका के बाद हुई सांप्रदायिकता में एक और कड़ी

time-read
6 mins  |
January 06, 2025