सिनेमा के परदे पर निरंतर जमीन से जुड़े और सशक्त नारी की तसवीर पेश करने वाले किरदारों को निभाती आ रही अदाकारा श्वेता त्रिपाठी शर्मा ने महज अपने 8 वर्ष के कैरियर में काफी उपलब्धियां हासिल कर ली हैं. श्वेता एकमात्र वे अदाकारा हैं, जो अपने कैरियर की पहली ही फिल्म 'मसान' से 'कांस इंटरनैशनल फिल्म फैस्टिवल' में दस्तक देने में कामयाब हो गई थीं. जब उन का कैरियर सरपट भाग रहा था, तभी उन्होंने रैपर व म्यूजीशियन चैतन्य शर्मा उर्फ चीता के साथ 2018 में विवाह रचा लिया. तब लोगों ने कहा था कि श्वेता ने अपने कैरियर पर कुल्हाड़ी मारी. मगर उन का कैरियर निरंतर उंचाइयों की ओर जा रहा है.
श्वेता को वैब सीरीज 'मिर्जापुर' में गोलू के किरदार से जबरदस्त शोहरत मिली. इस में उन का गोलू का किरदार कालेज चुनाव जीतने से ले कर आत्म सुख व यौन सुख के लिए मास्टरबेशन करते नजर आता है.
के प्रस्तुत हैं श्वेता त्रिपाठी शर्मा से हुई बातचीत कुछ खास अंश:
आप को अभिनय का चसका कैसे लगा?
अभिनय का चसका जब किसी इंसान को लग जाता है, तो जब तक वह उसे पूरा नहीं करता, तब तक वह इंसान को तंग करता रहता है. मुझे अभिनय का शौक बचपन से रहा है. मैं केजी से स्टेज पर रही हूं. बचपन में स्टेज पर अलगअलग किरदार करने में जो मजा आता था, उतना ही मजा मुझे अभी भी आता है.
मगर आप को यह अभिनय का चसका लगा कहां से?
मुझे टीवी देखने का शौक रहा है और टीवी पर जो विज्ञापन आते थे वे मुझे बहुत फैशिनेट करते थे. कई एड देख कर मुझे लगता था कि मुझे भी उस में होना है. जब बड़ी हुई और नाटक देखने शुरू किए, तो उस वक्त भी 'पृथ्वी थिएटर फैस्टिवल' हुआ करते थे. तब तक मुझे नहीं पता था कि पृथ्वी थिएटर क्या है, किस ने कब शुरू किया. लेकिन मेरे मम्मीपापा ने कल्चर और कल्चर से जुड़ी चीजों को बहुत महत्त्व दिया. सभी जानते हैं कि मेरे पापा आईएएस ऑफिसर रहे हैं और मां अवकाशप्राप्त शिक्षक हैं.
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