हमारे बालों का 95% हिस्सा केराटिन से बना होता है. केराटिन एक प्रोटीन है जो बालों के क्यूटिकल्स के चारों ओर एक सुरक्षात्मक परत बनाता है और बालों में नमी बनाए रखता है. जब शरीर में प्रोटीन की कमी होती है या रासायनिक उपचारों का अत्यधिक उपयोग होता है तो बाल क्षतिग्रस्त हो जाते हैं और समय के साथ अपनी लोच खो देते हैं. इस से बाल रूखे हो जाते हैं और टूटने लगते हैं. प्रोटीन ट्रीटमैंट हमारे बालों में हाइड्रोलाइज्ड प्रोटीन जोड़ता है और आगे की क्षति को रोकने के लिए क्यूटिकल्स की मरम्मत करता है.
प्रोटीन ट्रीटमैंट कई तरह से होता है. सैलून में जा कर आप बालों के लिए सिस्टीन / केराटिन प्रोटीन ट्रीटमैंट प्राप्त कर सकती हैं या घर पर डीआईवाई प्रोटीन हेयर मास्क जैसे प्रोटीन उपचार आजमा सकती हैं. घरेलू उपायों में रोजाना पर्याप्त प्रोटीन का सेवन भी आप के बालों को मजबूत और स्वस्थ बना सकता है.
डा. चारू शर्मा, सह संस्थापक क्योर स्किन और त्वचा विज्ञान विभाग की प्रमुख बताती हैं कि केराटिन ट्रीटमैंट में बालों के अंदर बौंड स्ट्रक्चर में बदलाव लाने के लिए कम पीएच प्रीकर्सर से हेयर क्यूटिकल्स को खोलना शामिल है. केराटिन ट्रीटमेंट बालों को सीधा करने के लिए डाइसल्फाइड बौंड तोड़ता है. यह बहुत मजबूत बौंड विघटन है और इसलिए इस का असर आमतौर पर लगभग 4 से 6 महीने तक रहता है. जबकि सिस्टीन ट्रीटमेंट डाइसल्फाइड बौंड को पूरी तरह से तोड़े बिना बौंड को दोबारा व्यवस्थित करता है.
यह खासतौर पर उन के लिए ज्यादा सुरक्षित है जिन के सिर की त्वचा संवेदनशील है, ऐलर्जी है, अस्थमा जैसी सांस संबंधी समस्या है या जो महिलाएं गर्भवती हैं या स्तनपान करा रही हैं. दोनों ट्रीटमैंट बालों में कैमिकल बदलाव करते हैं इसलिए ये हीट स्ट्रेटनिंग की तुलना में यादा समय तक असरदार रहते हैं.
फायदे
This story is from the April Second 2024 edition of Grihshobha - Hindi.
Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 9,000+ magazines and newspapers.
Already a subscriber ? Sign In
This story is from the April Second 2024 edition of Grihshobha - Hindi.
Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 9,000+ magazines and newspapers.
Already a subscriber? Sign In
स्ट्रैंथ ट्रेनिंग क्यों जरूरी
इस ढकोसलेबाजी को क्यों बंद किया जाए कि जिम जाना या वजन उठाना महिलाओं का काम नहीं.....
लड़कियों को लुभा रहा फोटोग्राफी कैरियर
फोटोग्राफी के क्षेत्र में पहले केवल पुरुषों का अधिकार था, लेकिन अब इस क्षेत्र में लड़कियां भी बाजी मारने लगी हैं....
समय की मांग है डिजिटल डिटौक्स
शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ और खुशहाल रहने के लिए बौडी डिटोक्स के साथ डिजिटल डिटौक्स भी जरूरी है....
पीरियडस क्या खाएं क्यो नहीं
मासिकधर्म के दौरान क्या खाना सही रहता है और क्या गलत, यहां जानिए...
पतिपत्नी रिश्ते में जरूरी है स्पेस
जरूरत से ज्यादा रोकटोक रिश्ते की मजबूती को बिगाड़ सकती है. ऐसे में क्या करें कि ताउम्र खुशहाल रहें....
औफिस के पहले दिन ऐसे करें तैयारी
औफिस में पहला दिन है, जानें कुछ जरूरी बातें....
क्या है अटेंशन डेफिसिट हाइपर ऐक्टिविटी डिसऑर्डर
क्या आप का बच्चा जिद्दी है, बातबात पर तोड़फोड़ करता है और खुद को नुकसान पहुंचा लेता है, तो जानिए वजह और निदान....
जब मन हो मंचिंग का
फ़ूड रेसिपीज
सेल सस्ती शौपिंग न पड़ जाए महंगी
अगर आप भी सस्ते के चक्कर में खरीदारी करने का शौक रखते हैं, तो यह जानकारी आप के लिए ही है....
डाइट के लिए बैस्ट है पिस्ता
पिस्ता सिर्फ एक गार्निश नहीं, एक न्यूट्रिशन पावरहाउस है....