9 अगस्त की रात कोलकाता के आरजी कर मैडिकल कालेज में एक ट्रेनी डाक्टर के साथ रेप और हत्या की घटना से समूचे देश में चिकित्सक समुदाय और आम जनता क्षुब्ध है. डाक्टर्स हड़ताल पर चले गए. नीट की कठोर परीक्षा पास कर डाक्टर बन कर रोगियों की सेवा का सपना देखने वाली बेटी अपने अस्पताल में ही दरिंदगी का शिकार हो गई.
पीड़िता डाक्टर की पोस्टमार्टम और बायोप्सी रिपोर्ट में दिल दहलाने वाले खुलासे हुए हैं. दरिंदे हवस में इतने अंधे हो गए थे कि उन्होंने पीड़िता डाक्टर के प्राइवेट पार्ट को बुरी तरह से चोट पहुंचाई. पीड़िता के शरीर पर दरिंदगी के 25 निशान मिले, जिन में बाहर 16 और अंदरूनी भाग में 9 जख्म पाए गए. फिर बाद में उस का गला दबा कर हत्या कर दी गई. मगर यह कोई पहली बार नहीं हुआ है जहां एक लड़की का रेप कर उस की हत्या कर दी गई हो. 2012 में ऐसे ही निर्भया कांड हुआ था जहां एक लड़की की बड़ी ही बेदर्दी के साथ समूहिक रेप के बाद उस की हत्या कर दी गई थी. उस के प्राइवेट पार्ट में रौड घुमाई गई थी.
इन 12 सालों में कुछ भी तो नहीं बदला और शायद न कभी बदलेगा क्योंकि कोलकाता कांड के ठीक 2 दिन बाद उत्तराखंड के रुद्रपुर में एक 20 वर्षीय नर्स की रेप के बाद हत्या कर दी गई. नर्स 30 जुलाई की रात को लापता हुई और 8 अगस्त को उसकी लाश झाड़ियों में पड़ी मिली. उस नर्स का सिर बुरी तरह कुचल दिया गया था. बताया जा रहा है कि उसी अस्पताल के एक डाक्टर ने उस के साथ दुष्कर्म किया और उसे जान से मारने की धमकी देते हुए जातिसूचक शब्दों से अपमानित भी किया. इस घिनौने काम में एक नर्स और वार्डबॉय ने उस डाक्टर का साथ दिया था.
इंसान या हैवान
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