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फिलो और वैली का रवेल हुआ समाप्त
चंपकवन के निवासियों के कपड़ों को इस्त्री यानी आइरन कर के फिलो लोमड़ अपनी आजीविका चलाता था...
मददगार दोस्त
समीर और आर्यन पक्के दोस्त थे, दोनों 8वीं कक्षा में पढ़ते थे. वे पढ़ाईलिखाई में एकदूसरे की मदद करते थे.
गैंडे की उड़ान
चंपकवन में सभी जानवर और पशुपक्षी मिलजुल कर बड़े प्रेम से रहते थे. कोई भी किसी को न तो तंग करता था और न ही परेशान करता था. सिवा रियो राइनो यानी गैंडे के.
नन्ही कलम से
कल्पनाशील और रचनात्मक चित्र
बिजली घर
प्रिय छात्रो, नमस्कार. मैं परमाणु बिजली घर हूं. मेरे यहां जो होता है वह आज मैं तुम्हारे साथ साझा करूंगा. मेरा यह संस्मरण तुम्हारे जीवन में लक्ष्य प्राप्त करने में मदद करेगा और मार्गदर्शन भी करेगा.
चीका का कैमरा
चीका खरगोश के गले में कैमरा लटका देख, लिसा गिलहरी ने आश्चर्य से पूछा, “अरे भाई, तुम राइटर हो न, फिर यह कैमरा कैसा?"...
ड्रिंक का झूठ
कमला को टेलीविजन देखने का बहुत शौक था. लेकिन उसे फिल्म या धारावाहिक देखना पसंद नहीं था, उसे तो इन कार्यक्रमों के बीचबीच में आने वाले विज्ञापन बहुत लुभाते हैं.
ऐन्नी का सपना
आनंदवन में सर्दियों का मौसम शुरू हो चुका था. आनंदवनवासियों ने सर्दियों की कड़ाके की ठंडी हवा से बचने के लिए अपने घरों के दरवाजे और खिड़कियां अच्छी तरह मरम्मत करवा ली थी...
मोंटी का रोबोट
मोंटी बंदर बहुत खुश था. उस के मामा जैकी बंदर ने उस के लिए अमेरिका से एक गिप्ट भेजा था, जो उसे अभीअभी मिला था...
बच्चों का दशहरा
मीकू खरगोश और उस का दोस्त इस बात से बड़े दुखी थे कि इस बार दशहरे के मेले का आयोजन नहीं हो रहा था. उन के मम्मीपापा ने उन्हें रामलीला मैदान भेजने से साफ मना कर दिया था...
फन्नी सुधर गया
फन्नी लोमड़ सुंदरवन में रहता था. वन के अन्य जानवरों को परेशान करना उस की पसंदीदा शरारतों में से एक था. इसलिए जानवर उस से बातचीत करने से दूर भागते रहते थे. जो जानवर उस के व्यहार से अनजान थे, उन्हें इस का खामियाजा भुगतना पड़ता था...
बुराई पर विजय
यमुना बिहार हाउसिंग सोसायटी में रहने वाले कुछ बच्चों की मीटिंग चल रही थी. इन सब की उम्र 10 से 13 साल के बीच थी...
लौकी और उस के प्रकार
"रीना, आलोक,” दादीमां किचन से उन्हें आवाज लगाते बोलीं, “मैं सब्जियां खरीदने जा रही हूं, क्या तुम दोनों मेरे साथ आ रहे हो?" हुए "जरूर दादीमां,' आलोक लीविंग रूम के सोफे से कूद पड़ा. वहां वह एक पत्रिका के पृष्ठ पलट रहा था...
रोमांचक शाम
जैकलीन और बैंजी के लिए ग्रेट ब्रिटेन का एक महत्त्वपूर्ण द्वीप आयरलैंड पसंदीदा जगह थी. जब से वे वहां आए थे, उन्हें वहां रहना अच्छा लगने लगा था. जैकलीन और बैंजी सगे जुड़वां भाई थे. उन के पापा एक मल्टीनेशनल कंपनी में काम करते थे, जहां हमेशा ट्रांसफर होते रहते थे. यहां भी वे अपने परिवार के साथ आ कर पिछले दो साल से रह रहे थे.
पिंजरे से आजादी
मायरा जब भी अपने कमरे की खिड़की से बाहर झांकती तो उदास हो जाती. वह भाग कर मां के पास जाती और कहती, "मां, मैं ने अभी देखा कि कनु भैया का बगीचा कितना सुंदर है, वहां कितने सारे पशुपक्षी हैं.”...
औनलाइन दशहरा
नील को दशहरे का त्योहार बहुत पसंद है, क्योंकि इस दिन स्कूल की छुट्टी होती है और शाम के समय दादाजी उसे पास वाले मैदान में रावण के पुतले का दहन दिखाने ले जाते हैं. साथ ही मेले में तरहतरह के झूले झूलने और चटपटी चाटपकौड़ी भी खाने को मिलती है.
हमारा और उन का श्वसनतंत्र
मरीन फ्लैटवौर्म की सब से बड़ी प्रजाति की लंबाई में 6 सेंटीमीटर 6 तक बढ़ती है. उन में से ज्यादातर लंबे अंडाकार आकार के होती हैं.
मैजिक विद कलर
आइए, पता करते हैं कि कलर यानी रंग पानी में कैसे घुल जाते हैं.
स्वतंत्रता सैनानी
बच्चों के लिए पढ़ने के लिए एक मजेदार कहानी
पटाखा हाउस
बच्चों के लिए मूल्य शिक्षा और नैतिकता की कहानी
बेकी और उस की सूंड़
बेकी और उसकी सूंड के बारे में एक कहानी
नई दीवाली
हमारे ग्रह और जानवरों को बचाने के बारे में एक कहानी
डेविड को सबक
अपने बच्चों को शिक्षित करने के लिए एक अच्छी कहानी
चतुर कौन
देखो हेज़ल को कंजूस होने के कारण क्या मिला...
गाजर चोर
देखिए ताजपुर के जंगल में क्या हुआ..
मेहनत रंग लाई
9 वर्षीय आयशा अपने मम्मीपापा के साथ उत्तराखंड के सुदूर एक छोटे से पहाड़ी जिले में रहती थी. आयशा के पापा गांव की प्राथमिक पाठशाला में शिक्षक थे. गांव वाले प्यार से उन्हें मास्टरजी कह कर बुलाते थे. उन का गांव में बहुत सम्मान था.
प्रतियोगिता
मानव को लगा कि वह बहुत बदल गया है. वह 15 दिन से घर पर था और उसे लगा जैसे पूरी दुनिया ही बदल गई है.
समाधान
मधुवन के राजा शेरसिंह बहुत ही दयालु थे. हर समय वे यही सोचते थे कि ऐसा क्या करें जिस से उन की प्रजा सुखी रहे. उन्होंने अपने राज्य की भलाई के लिए नईनई योजनाएं बनाते थे.
बालबाल बचे
महात्मा गांधी का सत्याग्रही और आंदोलनकारी जीवन वास्तव में दक्षिण अफ्रीका की धरती से शुरू हुआ था. भारत का स्वतंत्रता आंदोलन तो उन के आंदोलनकारी जीवन का दूसरा पड़ाव था. इसलिए दक्षिण अफ्रीका के संघर्ष को जाने बिना हम गांधीजी को सही से नहीं समझ सकते.
अज्ञान बनाम विज्ञान
जिब्बी जेबरा अमेरिका की अंतरिक्ष एजेंसी नासा से रिटायर हो कर लौटा था. दुर्भाग्य से जिस चंपकवन में वह रहता था, वहां कोई जानवर पढ़ालिखा न था. यहां लौटते ही उस के बुरे समय की शुरुआत हो गई.