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![फसल कटाई यंत्र रीपर](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/6498/1260736/-25KEeXNS1679899285195/1679899625676.jpg)
फसल कटाई यंत्र रीपर
फसल कटाई के लिए आज अनेक तरह के छोटेबड़े कृषि यंत्र मौजूद हैं, लेकिन रीपर यंत्र सब से अधिक प्रचलन में है.
![फसल अवशेषों का करे चूरा बनाए खाद मल्चर](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/6498/1260736/6JRVx4ddq1679898965648/1679899267124.jpg)
फसल अवशेषों का करे चूरा बनाए खाद मल्चर
रबी, खरीफ या हो जायद की फसल. फसल कटाई के बाद ज्यादातर फसल अवशेष खेतों में खड़े रह जाते हैं जिन का निबटान करना अगली फसल बोने से पहले करना जरूरी है, खासकर रबी के समय में गेहूं व खरीफ के समय धान फसल के अवशेष भारी मात्रा में खेतों में खड़े रह जाते हैं, जिन्हें बहुत से किसान आज भी खेतों में ही जला देते हैं, जो पर्यावरण के साथसाथ खेत की उपजाऊ मिट्टी को भी खराब करते हैं.
![मल्टीक्रॉप थ्रेशर काम का खत्म प्रैशर](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/6498/1260736/-OYUf-a0W1679898683516/1679898957400.jpg)
मल्टीक्रॉप थ्रेशर काम का खत्म प्रैशर
आज से 4-5 दशक पहले की बात करें, तो उन दिनों खेती के कामों में कृषि यंत्रों का इस्तेमाल बहुत ही सीमित था.
![पपीते के प्रोडक्ट](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/6498/1245379/Xy9YHSyHa1678778190093/1678778450742.jpg)
पपीते के प्रोडक्ट
पपीता पोषक तत्त्वों की दृष्टि से एक बहुत अच्छा फल है. इस में विटामिन ए बहुत अधिक मात्रा में होता है. साथ ही विटामिन बी व सी भी पाए जाते है.
![अमरुद की बागबानी कम समय में अच्छा मुनाफा](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/6498/1245379/hEcl99_fT1678777739921/1678778181745.jpg)
अमरुद की बागबानी कम समय में अच्छा मुनाफा
अमरूद ऐसा फल है, जो देश के ज्यादातर हिस्सों में पाया जाता है. गुणों की वाले इस फल की तुलना सेब से की जाती है. अमरूद की बागबानी न केवल आसानी से हो जाती है, बल्कि इस के जरीए अच्छा मुनाफा भी कमाया जा सकता है.
![अरहर की खेती](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/6498/1245379/LSkEAKa1E1678776662538/1678776817972.jpg)
अरहर की खेती
अरहर हमारे देश की महत्त्वपूर्ण दलहनी फसल हैं. अरहर में 20-22 फीसदी तक प्रोटीन पाया जाता है. अरहर की खेती आर्द्र एवं शुष्क दोनों प्रकार के जलवायु क्षेत्रों में आसानी से की जा सकती है. उचित जल निकास वाली हलकी या भारी सभी प्रकार की भूमि अरहर की खेती के लिए उपयुक्त है.
![उत्तर प्रदेश में मसालो की खेती](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/6498/1245379/19Y3ocReo1678776436709/1678776657306.jpg)
उत्तर प्रदेश में मसालो की खेती
अधिकतर सभी राज्य एक या 2 मसाले उगाते हैं. लेकिन मुख्य मसाला उत्पादक राज्य आंध्र प्रदेश, केरल, गुजरात, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक, तमिलनाडु, ओड़िशा, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश हैं.
![राइजोबियम कल्चर का दलहन उत्पादन में महत्व](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/6498/1245379/aLodn1Z_D1678776053907/1678776418137.jpg)
राइजोबियम कल्चर का दलहन उत्पादन में महत्व
मृदा में विभिन्न प्रकार के सूक्ष्म जीवों की असंख्य मात्रा पाई जाती है. इन में से कुछ सूक्ष्म जीव फसल उत्पादन में लाभप्रद तथा अन्य हानिकारक पाए गए हैं.
![मार्च महीने में खेती से जुड़े जरुरी काम](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/6498/1245379/Cmh4jCNTM1678775707189/1678775993085.jpg)
मार्च महीने में खेती से जुड़े जरुरी काम
मार्च महीने में रबी की तमाम खास फसलें पकने की राह पर होती हैं, गेहूं की बालियों में दूध तैयार होने लगता है और साथ ही दाने बनने शुरू हो जाते हैं. लिहाजा, फसल का खासतौर पर खयाल रखना चाहिए. गेहूं की बालियों में दूध बनने के दौरान पौधों को पानी की ज्यादा दरकार होती है, ऐसे में खेतों की सिंचाई का खास खयाल रखें.
![पोषण वाटिका कुपोषण दूर करने का उपाय](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/6498/1245379/w1EoxVwHA1678775360418/1678775701875.jpg)
पोषण वाटिका कुपोषण दूर करने का उपाय
घर में लगी पोषण वाटिका या गृह वाटिका या फिर रसोईघर बाग पौष्टिक आहार पाने का एक आसान साधन है, जिस में विविध प्रकार के मौसमी फल तथा विविध प्रकार की सब्जियों व फलों को एक सुनियोजित फसलचक्र और प्रबंधन विधि के द्वारा उगाया जाता है.
![पशुपालन के लिए कुछ जरूरी जानकारी](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/6498/1245379/vcZEGyN801678775185856/1678775347924.jpg)
पशुपालन के लिए कुछ जरूरी जानकारी
देश में पशुपालन बड़े पैमाने पर किया जाता है और आज का समय ऐसा नहीं रह गया कि खेतीकिसानी करने वाले लोग ही पशुपालन करते हों. आज पशुपालन आमदनी का अच्छा जरीया है, जिसे अन्य लोग भी कर रहे हैं.
![फसलों की करे कटाई, गहाई व सफाई कंबाइन हार्वेस्टर](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/6498/1245379/529YEFioj1678774924441/1678775177108.jpg)
फसलों की करे कटाई, गहाई व सफाई कंबाइन हार्वेस्टर
यह खेतीबारी का एक ऐसा खास यंत्र है जो एकसाथ कई काम करने में सक्षम है. लेकिन यह महंगा यंत्र है जिसे खरीदना हर किसान के बस में नहीं. जो लोग भी इसे ले पाते हैं, उन के लिए यह कमाई का अच्छा साधन भी बनता है. हालांकि सरकार की तरफ से अनेक योजनाएं भी आती हैं जो खेती की राह आसान करती हैं और किसानों को कृषि यंत्र खरीदने में भी सहायता मुहैया कराती हैं
![भिंडी की खेती लाभकारी बनाए](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/6498/1245378/sCObpHOTk1678700545526/1678700808464.jpg)
भिंडी की खेती लाभकारी बनाए
सब्जियों का हमारे जीवन में खास स्थान है. भिंडी भारत में उगाई जाने वाली खास फसल है. इस में प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, खनिज लवण जैसे कैल्शियम, फास्फोरस के अलावा विटामिन ए, बी, सी, थाईमीन एवं रिबोप्लेविन भी पाया जाता है. इस में विटाविन ए व सी काफी मात्रा में पाया जाता है.
![कम पानी में कदूवर्गीय सब्जियों के लिए लो टनल तकनीक](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/6498/1245378/BaD4jDA491678700255149/1678700527394.jpg)
कम पानी में कदूवर्गीय सब्जियों के लिए लो टनल तकनीक
इस तकनीक से खेती करने में किसानों को उत्पादन दोगुना मिलता है. इस से पानी का उपयोग 50 फीसदी तक कम हो जाता है. इस के साथ ही समय से पहले फसल आने के कारण किसानों को उपज के अच्छे भाव मिलते हैं.
![उड़द की उत्पादन तकनक](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/6498/1245378/5zsl3wFBK1678699959385/1678700244940.jpg)
उड़द की उत्पादन तकनक
हमारे देश में उड़द का उपयोग मुख्य रूप से दाल के लिए किया जाता है. इस की दाल अत्यधिक पोषक होती है. विशेष तौर से पश्चिमी उत्तर प्रदेश में इसे लोग अधिक पसंद करते हैं. उड़द की दाल को भारत में भारतीय व्यंजनों को बनाने में भी इस्तेमाल किया जाता है और इस की हरी फलियों से सब्जी भी बनाई जाती है.
![रेज्ड बैड प्लांटर करे एकसाथ कई काम](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/6498/1245378/odk8hdh8K1678696245012/1678696470651.jpg)
रेज्ड बैड प्लांटर करे एकसाथ कई काम
रेज्ड बैड प्लांटर खेती में काम आने वाला एक ऐसा यंत्र है, जो जुताई के बाद तैयार खेत में नाली व मेंड़ बनाने का काम तो करता ही है, साथ ही साथ बीज की बोआई भी करता है और खाद भी लगाता है.
![ड्रिप रेनपोर्ट सिस्टम : प्याज की खेती में सिंचाई और उन्नत किस्में](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/6498/1245378/sPeLS20xG1678695358737/1678696235609.jpg)
ड्रिप रेनपोर्ट सिस्टम : प्याज की खेती में सिंचाई और उन्नत किस्में
हर सब्जी में स्वाद लाने वाली प्याज महत्त्वपूर्ण नकदी फसल है. इस में फास्फोरस, पोटैशियम, कैल्शियम, मैगनीशियम वसा वगैरह पौष्टिक तत्त्व पाए जाते हैं. इसे अचार, चटनी व मसाले के रूप में भी काम में लिया जा सकता है. इस में अनेक औषधीय गुण भी पाए जाते हैं.
![अदरक के विभिन्न उत्पाद बनाने की विधि](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/6498/1212678/VM8DnV4mb1675932455197/1675932803156.jpg)
अदरक के विभिन्न उत्पाद बनाने की विधि
अदरक में कई महत्त्वपूर्ण पोषक तत्त्व जैसे विटामिन सी, कैल्शियम, आयरन, फास्फोरस, जिंक, कौपर, मैगनीज और क्रोमियम पाए जाते हैं. अदरक में बैक्टीरिया और वायरस से लड़ने की क्षमता होती है, इसलिए इस के नियमित सेवन करने से यह गले के संक्रमण से बचाता है. यह शरीर में पैदा होने वाले केलोस्ट्राल को कम कर देता है.
![गर्भवती दुधारू पशुओं की देखभाल](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/6498/1212678/dfIbD8ttQ1675932377860/1675932443686.jpg)
गर्भवती दुधारू पशुओं की देखभाल
ज्यादातर दुधारू पशु ब्याने के 3 से 4 महीने के अंदर गर्भ धारण कर लेते हैं. गर्भ की शुरुआत में उन को कोई खास अतिरिक्त आहार देने की जरूरत नहीं पड़ती है, लेकिन जब गर्भ की अवस्था 5 माह की हो जाती है, तो गर्भ में पल रहा भ्रूण अपने विकास अवस्था में पोषक तत्त्वों के लिए मां पर ही निर्भर करता है.
![पशुओं में अपच समाधान भी है जरुरी](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/6498/1212678/_nzsfhH_M1675932145539/1675932374943.jpg)
पशुओं में अपच समाधान भी है जरुरी
भारत एक कृषि प्रधान देश होने के साथ ही पशुधन में भी प्रथम स्थान रखता है. पशुओं की देखभाल में पशुपालकों को अनेक तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है. पशुपालकों को पशु स्वास्थ्य की बेसिक जानकारी होना बहुत जरूरी है, जिस से उन में होने वाले साधारण रोगों को पशुपालक समझ सकें और उन का उचित उपचार किया जा सके.
![नैनो उर्वरक के प्रयोग से फसल उत्पादन में बढ़ोतरी](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/6498/1212678/FvJ4f56Dd1675931529293/1675932142427.jpg)
नैनो उर्वरक के प्रयोग से फसल उत्पादन में बढ़ोतरी
नैनो उर्वरकों को पारंपरिक उर्वरकों, उर्वरकों की थोक सामग्रियों के संश्लेषित या संशोधित रूप में या मिट्टी की उर्वरता, उत्पादकता और गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली नैनो तकनीक की मदद से विभिन्न रासायनिक, भौतिक, यांत्रिक या जैविक तरीकों से पौधे की विभिन्न वनस्पति या प्रजनन भागों से निकाला जाता है.
![फरवरी महीने में खेतीकिसानी के काम](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/6498/1212678/GpCd76T_R1675931101714/1675931508582.jpg)
फरवरी महीने में खेतीकिसानी के काम
फरवरी माह में सर्दी कम होने लगती है और इस समय कई बार तेज हवाएं चलने लगती हैं, इसलिए गेहूं की फसल में सिंचाई करते वक्त इस बात का खयाल रखें कि ज्यादा तेज हवाएं न चल रही हों. उन के थमने का इंतजार करें और मौसम ठीक होने पर ही खेत की सिंचाई करें. हवा के फर्राटे के बीच सिंचाई करने से पौधों के उखड़ने का पूरा खतरा रहता है.
![सेहत के लिए हैं खास](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/6498/1212678/ebvMy-oHI1675930934622/1675931085220.jpg)
सेहत के लिए हैं खास
मिलेट्स (मोटे अनाज)
![गन्ने की नई प्रजातियों से ले अधिक उत्पादन](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/6498/1212678/a7Wv5DUK11675930343048/1675930928625.jpg)
गन्ने की नई प्रजातियों से ले अधिक उत्पादन
डा. ऋषिपाल, डा. जयप्रकाश कन्नौजिया, अजय यादव, डा. रघुवीर सिंह, डा. हिमांशु शर्मा
![सेहतमंद बथुआ](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/6498/1191778/gaHh-IE0s1675419943393/1675420155238.jpg)
सेहतमंद बथुआ
सागों का सरदार बथुआ है. इसे सेहत के लिहाज से सब से अच्छा आहार माना जाता है. बथुआ को अंगरेजी में लैंब्स क्वार्टर्स कहते हैं. इस का वैज्ञानिक नाम चैनोपोडियम एल्बम है.
![बांस की खेती - दे रोटी, कपड़ा और मकान](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/6498/1191778/Bj5yxjF5z1675419193086/1675419939982.jpg)
बांस की खेती - दे रोटी, कपड़ा और मकान
बांस एक बहुपयोगी घास है, जो हमारे जीवन में अहम जगह रखता है. इस को 'गरीब आदमी का काष्ठ', 'लोगों का साथी' और 'हरा सोना' आदि नामों से जाना जाता है. बांस के कोमल प्ररोह सब्जी व अचार बनाने और इस के लंबे तंतु रेऔन पल्प बनाने में प्रयोग किए जाते हैं, जिस से कपड़ा बनता है.
![कृषि कानूनों की वापसी : किसानों ने भविष्य तो बचाया पर खाली हाथ है उन का वर्तमान](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/6498/1191778/CAoDE9k9k1675418829676/1675419163017.jpg)
कृषि कानूनों की वापसी : किसानों ने भविष्य तो बचाया पर खाली हाथ है उन का वर्तमान
वर्ष 2022 की विदाई और 2023 का आगमन...
![जनवरी महीने में खेती के खास काम](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/6498/1191778/_7Sf2v9lG1675418644418/1675418814758.jpg)
जनवरी महीने में खेती के खास काम
जौ की फसल का भी मुआयना करें. सिंचाई के अलावा जौ के खेतों की निराईगुड़ाई करना भी जरूरी है, ताकि तमाम खरपतवारों से नजात मिल जाए.
![पिपली की खेती में कोंडागांव की नई सौगात : भरपूर उत्पादन देती है एमडीपी-16](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/6498/1191778/GmYiqTuF11675418412356/1675418635915.jpg)
पिपली की खेती में कोंडागांव की नई सौगात : भरपूर उत्पादन देती है एमडीपी-16
मुख्य रूप से पिपली अब तक केरल और उत्तरपूर्वी राज्यों के कुछ क्षेत्रों में ही उगाई जाती रही है.
![अंगूर की खेती और खास किस्में](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/6498/1191778/cxSllMN2j1675418024859/1675418403309.jpg)
अंगूर की खेती और खास किस्में
भारत में अंगूर की ज्यादातर व्यावसायिक खेती उष्ण कटिबंधीय जलवायु वाले क्षेत्रों में महाराष्ट्र, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और उपोष्ण कटिबंधीय जलवायु वाले उत्तरी राज्यों में विशेष रूप से की जा रही है.