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एआईसी - खेती को सुरक्षा देती बीमा कंपनी
एग्रीकल्चर इंश्योरेंस कंपनी औफ इंडिया लिमिटेड यानी एआईसी एक फसल बीमा कंपनी है, जिस का गठन भारत सरकार द्वारा 20 दिसंबर, 2002 को खास फसल बीमा कंपनी के तौर पर किया था. लेकिन कारोबार की शुरुआत साल 2003 में हुई.
पोषण वाटिका में पूरे साल सब्जियां
सब्जियां न केवल हमारे पोषण मूल्यों को बढ़ाती हैं, बल्कि शरीर को शक्ति, स्फूर्ति, वृद्धि और अनेक प्रकार के रोगों से बचाने के लिए महत्त्वपूर्ण पोषक तत्त्व जैसे कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, वसा, विटामिन, खनिजलवण इत्यादि प्रदान करती हैं.
कृषि मंत्री ने डा.राजाराम त्रिपाठी को दिया देश का सर्वश्रेष्ठ किसान अवार्ड
5वीं बार देश का सर्वश्रेष्ठ किसान अवार्ड प्राप्त करने वाले डा. राजाराम त्रिपाठी देश के एकलौते किसान
मधुसूदन धाकड़: टमाटर की फसल से मालामाल किसान
देश के कई हिस्सों में किसान टमाटर की फसल के सही दाम न मिलने से उसे सड़कों पर फेंकने को मजबूर हो जाते हैं, मगर मध्य प्रदेश के एक किसान ने टमाटर की खेती से अच्छाखासा मुनाफा ले कर मिसाल कायम की है.
सकर नेपियर घास सालोसाल मिलने वाला हरा चारा
सालोंसाल चलने वाली नेपियर घास एक पौष्टिक चारा फसल है, जो कम लागत के साथ अधिक उत्पादन देती है. इस के उपयोग से डेरी फार्मिंग के मुनाफे में भी इजाफा किया जा सकता है.
अनाज को खराब होने से बचाएं करें चूहों की रोकथाम
चूहा आदमी का सब से बड़ा दुश्मन है. यह खेतखलिहानों, घरों और गोदामों में अनाज खाने के साथसाथ अपने मलमूत्र से उसे बरबाद कर देता है. दुनियाभर में चूहों की 500 से अधिक जातियां हैं.
रोजगार को ऊंचाई देता बांस
गरीब की झोंपड़ी से ले कर फाइवस्टार होटलों तक शोभा बढ़ाने वाले बांस में अनेक खूबियां हैं. यह गरीब की लाठी भी बनता है और रोजगार का जरीया भी.
सहजन की उन्नत किस्में और लाभकारी खेती
सहजन को मोरिंगा के नाम से भी जाना जाता है. उत्तर प्रदेश के जिला संत कबीर नगर में सहजनवा को सहजन के नाम से ही रखा गया है. पूर्वी उत्तर प्रदेश में यह काफी लोकप्रीय है. सहजन बहुपयोगी पेड़ है.
ड्रोन कृषि क्षेत्र में तकनीक बहुत जरूरी
कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने किसानों और अन्य हितधारकों के मार्गदर्शन के लिए 20 अप्रैल, 2023 को सार्वजनिक डोमेन में फसल 'ड्रोन के विशिष्ट साथ कीटनाशकों के अनुप्रयोग के लिए मानक प्रचालन प्रक्रियाएं (एसओपी)' जारी की. साथ ही, उन्होंने 'मिलेट उत्पादन, प्रसंस्करण और मूल्यवर्धन के लिए मशीनरी' नामक एक पुस्तिका का विमोचन भी किया.
मई महीने में खेती के खास काम
इस महीने में तकरीबन पूरे भारत में गरमी अपने उफान पर होती है और चिलचिलाती धूप में किसानों को खेती के अलावा पशुधन का भी खयाल रखना बहुत जरूरी है.
सबसौयलर मिट्टी को बनाए हवादार
आज भारीभरकम मशीनों को जुताई, फसल की कटाई व दूसरे जरूरी कामों के लिए खेत में चलते देखना आम बात है.
गन्ने की खेती में जैव उर्वरक का उपयोग
गन्ना बहुवर्षीय फसल है, जोकि भारत की महत्त्वपूर्ण नकदी फसलों में से एक है. भारत विश्व में गन्ना उत्पादन में क्षेत्रफल व उत्पादन की दृष्टि से दूसरा स्थान रखता है.
कृषि यंत्रों का उपयोग व रखरखाव
तेज धूप, वर्षा, धूलमिट्टी आदि से जंग लगने, लकड़ी के फूल कर कमजोर होने, पेंट उतर जाने आदि से कृषि यंत्र खराब हो जाते हैं. उचित देखभाल कर कृषि यंत्रों को खराब होने से बचाया जा सकता है.
प्राकृतिक खेती कम लागत सुरक्षित उपज
प्राकृतिक खेती का मतलब बिना कैमिकल के प्राकृतिक संसाधनों का इस्तेमाल करते हुए खेती करना है, मतलब, किसान जो भी फसल उगाए, उस में फर्टिलाइजर कीटनाशकों का इस्तेमाल न करे.
सूरजमुखी में एकीकृत कीट प्रबंधन
तिलहनी फसलों में सूरजमुखी का विशेष महत्व है, क्योंकि यह फसल ताप व प्रकाश के प्रति संवेदनशील न होने के कारण इसे किसी भी मौसम खरीफ, रबी और जायद में उगा सकते हैं. साथ ही, इस के बीजों में 40-45 फीसदी तक उच्च गुणवत्तायुक्त तेल पाया जाता है.
सेहत को सुधारे सहजन
सहजन ( वानस्पतिक ओलिफेरा) के बारे में हम सभी जानते हैं. इसे सीजना, सुरजना, शोभाजन, मरूगई, मरूनागाई, इंडियन हौसरैडिश आदि नामों से भी जाना जाता है. सहजन पूरे भारत में सुगमता से पाया जाने वाला पेड़ है. सहजन के पत्ते, फूल, फलियां, बीज, छाल आदि सभी का किसी न किसी रूप में प्रयोग होता है.
नया रिवाज मोटे अनाज
पारंपरिक भारतीय अनाजों में स्वास्थ्य का खजाना छिपा है. बीते कुछ सालों में कई ऐसी फसलें खेतों में लगी हैं और फिर ऐसा खाना थाली में लौट आया है, जिन्हें कुछ वक्त पहले तक बिलकुल भुला दिया गया था.
इंटरक्रोपिंग खेती : दो या उस से अधिक फसले ले कर मुनाफा पाएं
कुछ किसानों के पास जमीन है, तो पानी नहीं. अगर पानी है, तो जमीन नहीं. और अगर दोनों हैं, तो नवाचार करने की क्षमता नहीं है. साथ ही साथ सरकारी योजनाओं का लाभ उठा कर कोई भी किसान उन्नत खेती कर सकता है, बस जरूरत होगी एक सही कदम की.
बीज का महत्त्वे
अनाज के दाने का आधा या आधे से अधिक वह भाग जिस में भ्रूण उपस्थित हो, जिस की अंकुरण क्षमता अधिक हो तथा जो जो भौतिक एवं आनुवांशिक रूप से शुद्ध हो, साधारणताय उसे बीज कहा जाता है. कृषि के उत्पादन के कारकों में से एक बीज का अत्याधिक महत्त्व होता है.
वर्टीकल फार्मिंग - आज की आवश्यकता
बढ़ती जनसंख्या के साथ कृषि योग्य भूमि की कमी होती जा रही है. ऐसे में वर्टिकल फार्मिंग कम जगह में अधिक पौधों को लगाने का एक अनोखा तरीका है. वर्टिकल फार्मिंग को खड़ी खेती के नाम से भी जाना जाता है. यह खुले में हो सकती है. इस में इमारतों व अपार्टमेंट की दीवारों का उपयोग भी छोटीछोटी फसल उगाने के लिए किया जा सकता है.
अप्रैल माह के खास काम
अप्रैल महीने के दौरान तमाम फसलों की कटाई का सिलसिला शुरू हो जाता है. कुछ जगह फसल उत्पादन किसान ले भी चुके होते हैं. अप्रैल महीने में खेती से जुड़े खास कामों पर बात करते हैं.
उमाशंकर पांडेय पानी के पहरेदार को पद्मश्री 'खेत पर मेंड और मेंड पर पेड़' ने दिखाई राह
गणतंत्र दिवस के मौके पर पुरखों के पारंपरिक तरीकों को अपना कर बुंदलेखंड को पानीदार बनाने वाले 'जलयोद्धा' के नाम से चर्चित सामाजिक कार्यकर्ता उमाशंकर पांडेय को साल 2023 के 'पद्मश्री अवार्ड' से नवाजे जाने की घोषणा हुई, तो देश के हर कोने में उन के बारे में लोग जानने को उत्सुक हो उठे.
बैगन की खेती
हमारे यहां बैगन को गरीबों की सब्जी कहा जाता है. इसे हर तरह की मिट्टी में उगाया जा सकता है, क्योंकि इस का पौधा काफी सहनशील होता है.
हरी खाद मिट्टी की उपजाऊ कूवत बढ़ाए
आज के समय में किसान ज्यादा उपज लेने के लिए कैमिकल खादों का बेतहाशा मात्रा में इस्तेमाल करते हैं.
अदरक: कारगर उत्पादन तकनीक
अदरक की खेती भारत को विदेशी मुद्रा प्राप्त करने का एक प्रमुख जरीया है. विश्व में उत्पादित अदरक का आधा भाग भारत पूरा करता है
प्रो. रवि प्रकाश मौर्य की किसानों को सलाह - तैयार फसल का रखें खास ध्यान
हमारे गांवों के खेतों में गेहूं की फसल पक कर खड़ी है
स्ट्रा रीपर पुआल की करे कटाई बनाए भूसा भी
स्ट्रा रीपर एक ऐसा कृषि यंत्र है, जो खेत में खड़े पुआल का भूसा तो बनाता ही है साथ ही उन फसल अवशेषों से निकलने वाले अनाज के दानों को भी स्टोर करता है.
जायद में उड़द और मूंग उत्पादन की उन्नत तकनीकी
जायद में बोई जाने वाली दलहन की प्रमुख फसलों में मूंग और उड़द मुख्य फसलें होती हैं. फरवरी से उड़द की बोआई शुरू कर देनी चाहिए, क्योंकि इस : समय वातावरण में अनुकूल नमी रहती है, नहीं तो तापमान बढ़ने के बाद बोआई करने में सिंचाई की जरूरत पड़ती है.
आम की फसल सुरक्षा
आम भारत का राष्ट्रीय फल है और प्रमुख फसल भी. भारत में साल 2021-22 में 2,313 हजार हेक्टेयर में 22,353 हजार टन का उत्पादन हुआ. भारत में आम उगाने वाले क्षेत्रों में सर्वाधिक क्षेत्रफल उत्तर प्रदेश में है, किंतु सर्वाधिक उत्पादन आंध्र प्रदेश में होता है.
जायद में मोटे अनाजों में बाजरा की उन्नत खेती
भारत सरकार की कोशिशों के बाद वर्ष 2023 को दुनियाभर में मोटा अनाज वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है. श्री अन्न में बाजरा, ज्वार, रागी, कुटकी, कोंदो, सांवा, चेना आदि को शामिल किया गया है.