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शक्ति का स्वरूप और नवरात्र
नवरात्र देवी के शक्ति रूपों का महापर्व है। समस्त संसार को आलोकित, ऊर्जामय करने वाली देवी संसार की पालनहार हैं। चैत्र शुक्ल पक्ष के नवरात्र महोत्सव भी हमको देवी भगवती के विशाल स्वरूप और शक्ति का अनुभव कराते हैं।
शक्ति के नौ रूप, नौ दिन
मां दुर्गा अर्थात् शक्ति की अधिष्ठात्री देवी के नौ रूप होते हैं। इन्हें 'नवदुर्गा' कहते हैं। आइए जानें शक्ति के इन नौ स्वरूपों और उनके अर्थ।
सफरनामा धूल का
इस संसार में जहां-जहां तक धरती है, वहां-वहां तक धूल है। धूल हमारे पांवों के नीचे रहती है पर कभी-कभी उड़कर सिर पर भी चढ़ जाती है। धूल का मानव जीवन से घनिष्ठ सम्बन्ध है। इसलिए कहा जाता है, धूल में पैदा हुए, हम धूल में मिल जाएगें।
स्त्री ही क्यों करती हैं पुरुष की मंगल कामना?
दांपत्य जीवन में स्त्री पुरुष को रथ के दो पहिए की तरह बताया गया है परंतु पौराणिक कथाओं और धार्मिक व्रतों की मानें तो स्त्री ही पुरुष के लिए मंगल कामना करती अधिक दिखती हैं, ऐसा क्यों? जानें इस आलेख से।
9 योगासन अपनाएं और इम्यूनिटी को बढ़ाएं
अगर आप चाहते हैं कि आपकी इम्यूनिटी मजबूत रहे तो नीचे बताई गई इन क्रियाओं को करने से आपके शरीर की प्रतिरोधक क्षमता काफी मजबूत हो जाएगी।
कौन सी विटामिन, किससे पाएं?
हमारा शरीर सदा स्वस्थ एवं ऊर्जावान रहे, उसके लिए बहुत जरूरी है कि शरीर को जरूरी विटामिन्स मिलते रहें। और इन विटामिन्स की पूर्ति हमें भोजन के माध्यम से होती है। किस स्वाद्य पदार्थ से कौन सा विटामिन मिलेगा? आइए जानते हैं लेख से।
आर्य संस्कृति के प्रतीक-शिव
देवों के देव महादेव भगवान शिव को संहार का देवता माना जाता है। भगवान शिव सौम्य आकृति एवं रौद्ररूप दोनों के लिए विख्यात हैं।
क्यों जरूरी है तीर्थ यात्रा?
आज के आधुनिक तेज रफ्तार से चलने वाले जीवन में लोग इतने व्यस्त हैं कि उनके पास अपने लिए समय ही नहीं है। ऐसे में तीर्थ यात्रा पर जाना तो दूर उसके बारे में सोचना भी लोग भूल गए हैं। अगर लोग आज तीर्थ यात्रा पर जाते भी हैं तो मनोरंजन या टाइम पास के लिए। तीर्थ यात्रा का उद्देश्य एवं महत्त्व मानो लुप्त सा होता जा रहा है। क्यों की जाती है तीर्थ यात्रा तथा क्या है इसका उद्देश्य? जानिए इस लेख से
कैसा हो त्वचा के लिए आहार?
आज बजार में तमाम तरह के ब्यूटी प्रोडक्ट उपलब्ध हैं, जो आपकी त्वचा को साफ और सुंदर बनाने का दावा करते हैं, लेकिन आप अपने आहार में परिवर्तन करके भी त्वचा में निरवार ला सकते हैं। कैसे? आइए जानते हैं लेख से।
दालचीनी और शहद के गुण
दालचीनी और शहद का उपयोग तो लगभग हम सभी करते हैं पर शायद इनके भीतर छुपे रोगों को रखत्म करने के गुण को नहीं जानते होंगे। रोगों को मिटाने में इनका उपयोग कितना कारगर है? आइए जानते हैं इस लेख से।
पुराने समय के घरेलू उपचार
साधना पथ हमेशा आपके लिए कुछ नए तथ्य और नए विषयों का चुनाव करती आई है। इस बार का विषय है ए टू जेड बीमारियां और उनका इलाज, जिसमें हम आपको इंग्लिश अल्फाबेट ए टू जेड जो संख्या में 26 हैं, उसके अनुसार कुछ आम बीमारियों और उनके आसान उपचार से अवगत कराएंगे।
विश्व का एकमात्र अर्धनारीश्वर मंदिर
यूं तो इस धरा पर भगवान शिव के कई मंदिर है, किन्तु काठगढ़ महादेव मंदिर अपने आप में अनूठा एवं अद्वितीय है, क्योंकि यहां शिव अर्धनारीश्वर के रूप में स्थापित हैं।
कैसा था रामराज्य?
प्रायः हम लोग एक आदर्श शासन व्यवस्था की तुलना रामराज्य से करते हैं। ऐसे में बहुत से लोग ऐसे भी हैं जिनके मन में एक न एक बार यह प्रश्न जरूर उठता है कि आरिवर रामराज्य में ऐसा क्या था जो त्रेता युग के रामराज्य का उदाहरण आज भी दिया जाता है। तो आइए जानें इसके बारे में इस लेव के माध्यम से।
ज्योतिष में रत्नों का महत्त्व
रत्न आभूषणों के रूप में शरीर की शोभा तो बढ़ाते ही हैं, साथ ही अपनी दैवीय शक्ति के प्रभाव के कारण रोगों का निवारण भी करते हैं। क्या है रत्न, क्या है इनका महत्त्व तथा उन्हें कैसे करें जागृत आदि जानें लेव से।
कैसे और क्यों रखें उपवास?
भारतीय संस्कृति में व्रत, उपवास का विशेष महत्त्व है, किन्तु आज व्रत, उपवास के स्वरूप में काफी परिवर्तन आ गया है। लोग व्रतों के उदेश्यों व महत्त्व को भूल गए हैं। लेव से जानें व्रत की विधि व महत्त्व।
संस्कृत साहित्य में रामकथा
संस्कृत साहित्य में रामकथा का प्रतिपादन सर्वप्रथम आदिकवि वाल्मीकि द्वारा रचित 'रामायण' शीर्षक ग्रंथ में किया गया है। प्राचीन कथाओं के अनुसार सृष्टि के रचयिता ब्रह्मा ने स्वप्न में महर्षि वाल्मीकि को दर्शन देकर उन्हें रामायण की रचना के लिए प्रेरित किया तथा यह आश्वासन भी दिया कि वे अपने काव्य में राम के चरित्र का निर्माण जिस प्रकार से करेंगे राम अपने जन्म के पश्चात् उसी प्रकार का आचरण करेंगे।
मुस्कुराने के हैं कई लाभ
कुछ लोगों को आपने देखा होगा कि वह विकट परिस्थितियों में भी सदैव मुस्कुराते रहते हैं, वहीं दूसरे कुछ लोग होते हैं जो बात-बात पर दुरवी हो जाते हैं और जीवन से शिकायते करते रहते हैं। जबकि शोध भी बताते हैं कि सदैव प्रसन्न रहने वाले व्यक्ति निरोगी, स्वस्थ एवं सदैव सकारात्मक रहते हैं।
आयुर्वेद से करें पर्यावरण की रक्षा
यदि हमें प्रकृति को बचाना है तो पर्यावरण संरक्षण पर जोर देना होगा। औषधीय पेड़-पौधे लगाने होंगे। जिससे पर्यावरण दूषित होने से तो बचेगा ही, साथ ही आयुर्वेद का प्रसार भी होगा।
अपनाएं योग रहें निरोग
यूं तो योग तथा आसनों को करने के अनेक लाभ हैं तथा प्रत्येक आसन हमें किसी न किसी प्रकार के रोग से मुक्ति अवश्य दिलवाता है तो आईए जानते हैं कि कौन सा आसन हमें किस रोग से मुक्त करता है तथा उसकी विधि व क्या लाभ हैं।
ऐसे रहें ऑफिस में तनाव-मुक्त
हम अपने पूरे दिन में जितने घंटे भी अपने कार्य स्थल या ऑफिस में व्यतीत करते हैं, वो हमारे लिए बहुत ही महत्त्वपूर्ण होते हैं, इसलिए टाह बहुत ही आवश्यक है कि हम ऑफिस में चुस्त दुरुस्त एवं तनाव मुक्त रहें। जिससे हम अपना कार्य पूरी लगन से कर पाएं ।
यज्ञ का पर्यावरण पर प्रभाव
हाल के समय में पर्यावरण को बचाने के लिए कई उपाय किए जा रहे हैं, वहीं ऐसा कहा जाता है कि यज्ञ भी पर्यावरण शुद्धि का काम करते हैं। इस विषय पर विज्ञान क्या कहता है, आइए जानते हैं लेख से।
मुद्राएं जो जो रोग मिटाएं
हाथों की दस उंगलियों से विशेष प्रकार की आकृतियां बनाने की कला को हस्त मुद्रा कहा जाता है। किस प्रकार आप अपनी उंगलियों से विभिन्न मुद्रा बनाकर स्वयं ही अपनी चिकित्सा कर सकते हैं जानते हैं लेख से।
योग एक मार्ग अनेक
परमात्मा हो या परमशांति या फिर गणित का कोई भी छोटा सा सवाल। इन तक पहुंचने के या सवाल को हल करने के भले कई मार्ग व माध्यम होते हैं परंतु इनका उत्तर एक ही होता है ऐसे ही योग की भी विभिन्न शारवाएं हैं, विभिन्न आसन और अवस्थाएं हैं परंतु सबकी मंजिल,सबकि उपलब्धि एक ही है।
सूर्यापासना एवं श्रद्धा के चार दिन
भगवान सूर्य को समर्पित है आस्था का महापर्व छठ | ऐसी मान्यता है कि इस पर्व को करने से सूर्य देवता मनोकामना पूर्ण करते हैं | कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की षष्ठी को यह पर्व मनाया जाता है, जिस कारण इस पर्व का नाम छठ पड़ा । जानें इस लेख़ से छठ पर्व की महत्ता।
सूर्य नमस्कार सूर्य आराधना के साथ व्यायाम भी
भारतीय संस्कृति की सनातन परम्परा में भगवान भास्कर का स्थान अप्रतिम है। सूर्य की किरणों में स्वास्थ्य संवर्द्धध और रोगों के नाश की भी अद्भुत शक्ति है। कैसे जानें इस लेख से। |
सीढ़ियां चढ़ें, सूप पिएं और वजन घटाएं
बढ़ते वजन और मोटापे से आज हर दूसरा व्यक्ति ग्रस्त है । वयस्क से लेकर छोटे बच्चे भी इस कतार में शामिल हैं | अस्त-व्यस्त जीवनशैली भी बढ़ते मोटापे का एक कारण है। कुछ आसान तरीकों को अपनाकर हम अपना शरीर सुडौल बना सकते हैं। कैसे, जानें इस लेख से |
सर्दियों में खाएं गाजर रहे सेहतमंद
शरीर की रोग-प्रतिरोधक शक्ति को बनाए रखने में लौह-तत्त्व का महत्त्वपूर्ण योगदान रहता है। यह गाजर में उपलब्ध होता है। गाजर में आयरन व फॉस्फोरस के अलावा प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेड तत्त्व भी पाए जाते हैं जो शरीर को ऊर्जा प्रदान करते हैं। विशेषकर सर्दियों के मौसम में गाजर खाने के फायदों को जानें इस लेख से।
सकारात्मक सोच एवं शांति हेतु करें घर में पूजा-पाठ
हम ईश्वर का सान्निध्य पाने के लिए अपने घर में पूजा-पाठ का स्थल जरूर बनवाते हैं, जो हमें अहसास दिलाता है कि हमारे घर में और हमारे आसपास ईश्वर का वास है और हमें मानसिक सुकून एवं सकारात्मकता प्रदान करता है।
वास्तु के अनुसार जल का स्थान
वास्त में जल स्थान एवं दिशा का भी महत्त्वपूर्ण स्थान है। भूखण्ड को क्रय करने के पहले ये जानकारी जरूर लें कि इस भूखण्ड को क्रय करने के बाद भवन निर्माण करने के पहले कूप, बोरिंग या अण्डरग्राउण्ड टैंक का निर्माण करवा लेना चाहिए।
रम जाइए 'कच्छ के रण में'
गुजरात की लोक संस्कृति और परंपरा का मेल देखना हो तो आइए कच्छ के रण महोत्सव में, जहां का प्रमुर॒व आकर्षण है 'ग्रेट रण ऑफ कच्छ', जिसका नाम सुनते ही ऊंट, रेगिस्तान, रेत और रंग-बिरंगी पोशाकों से सजे-धजे स्थानीय निवासी और पर्यटकों का ध्यान आता है जो इस उत्सव को महोत्सव में बदलते हैं और इसे विश्व प्रसिद्ध बनाते हैं।