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हर दिल अजीज सृजनशील ल देवीप्रसाद बागड़ोदिया
प्रशांत महासागर की तरह विशाल हृदय के व्यक्ति बागड़ोदिया ने महापुरुष श्रीमंत शंकरदेव रचित गुणमाला का हिंदी में अनुवाद किया। बरगीतों के अलावा नामघोषा, ज्योतिप्रसाद अग्रवाल की रचनाएं तीन खंडों में हिंदी में अनुवाद कर प्रकाशित किया। इस अभिनंदन ग्रंथ रूपांतरण ‘तीर्थयात्री देवीप्रसाद बागड़ोदिया' के विमोचन समारोह में साहित्यकार डॉ. नगेन सइकिया ने कहा कि ज्योतिप्रसाद के ग्रंथों का अनुवाद कर बागड़ोदिया ने अच्छा काम किया है।
खतियान पर घमासान
राज्यपाल के निर्णय के बाद कुछ अन्य राज्यों की स्थानीय नीति का भी अध्ययन किया जा रहा है। सरकार इस मुद्दे पर मंत्रियों, विधायकों व वरिष्ठ आइएएस अधिकारियों से मंत्रणा भी कर रही है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का साफ निर्देश है कि 1932 खतियान को सरकार हर हाल में लागू करेगी। इस कारण सरकार इसे पुख्ता बनाने में जुटी है दोबारा जब विधेयक राज्यपाल के पास भेजा जाए, तो वापसी की गुंजाइश न रहे।
भाजपा को फिर नरेन्द्र मोदी से ही आस
भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के बाद उत्तर प्रदेश भाजपा की राज्य कार्यकारिणी की भी बैठक हुई, जिसमें पिछले लोकसभा चुनाव में हारी हुई सीटों पर पूरा जोर लगाने की रणनीति बनी। साथ ही उससे पहले निकाय चुनाव में बेहतर प्रदर्शन करने पर भी फोकस किया गया।
मुलायम का सम्मान क्यों लगता है सपा नेताओं को अपमान !
नेताजी को पद्म विभूषण से बिगड़ सकता है सपा का एम-वाई समीकरण
सपा-बसपा की लड़ाई में भाजपा की बल्ले-बल्ले
2014 के चुनाव में बसपा का वोट बैंक सिकुड़ा और वर्ष 2012 में पार्टी राज्य की सत्ता गंवाने के बाद लोकसभा से साफ हो गई। मायावती ने इस चुनाव में पूरा जोर लगाया, लेकिन भाजपा के ब्रांड मोदी के आगे न मायावती टिकीं और न ही सत्ताधारी समाजवादी पार्टी। इस चुनाव में भाजपा गठबंधन यानी एनडीए ने 73 सीटों पर जीत दर्ज की। 5 सीटें सपा और 2 सीटें बसपा के पाले में गईं। पार्टी को चुनाव में 19.60 फीसदी वोट ही मिले। 22 से 25 फीसदी वोट बैंक की राजनीति करने वाली मायावती का आधार वोट खिसका। इसके बाद से बसपा संभल नहीं पाई है।
महागठबंधन में गांठ
राजद नेता व पूर्व कृषि मंत्री सुधाकर सिंह ने नीतीश कुमार पर सवाल खड़े किए तो पार्टी की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई। उन्होंने कहा था कि बिहार में न्याय का शासन नहीं चल रहा, बल्कि लूट का ऐसा मॉडल बन गया है, जिसकी जांच करना पुलिस के वश की बात नहीं है क्योंकि यह माडल सत्ता संरक्षित है। जदयू भले ही भाजपा से अलग हो गया है, लेकिन उसका भाजपा से मोहभंग नहीं हुआ है।
रामकथा जैसी लोकव्यापी कोई काव्य रचना नहीं
रामचरितमानस के निंदक चर्चा में बने रहने के लिए राजनैतिक कारणों से बेजा टिप्पणियां कर रहे हैं। तुलसी कहते हैं, सब नर करहिं परस्पर प्रीती रामराज्य में सभी नागरिक प्रेमपूर्ण हैं। रामराज में चिकित्सा सुविधा परिपूर्ण है। तुलसी लिखते हैं, 'अल्पमृत्यु नहि कउनू पीरा / सब सुंदर सब बिरुज शरीरा।’ रामराज्य में अल्पमृत्यु नहीं। कोई पीड़ा नहीं | सब स्वस्थ हैं और निरोग हैं। तुलसी लिखते हैं कि, ‘रामराज्य में वृक्ष फूलों से भरे पूरे रहते हैं।
अखिलेश बनाना चाहते हैं दूसरा मंडल कमंडल
समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य की रामचरितमानस पर एक विवादित टिप्पणी के बाद राजनीति के गलियारों में यह बात बड़े जोरों शोरों से फैलाई जा रही थी कि सपा प्रमुख अखिलेश यादव अपने बड़बोले नेता स्वामी के बयान से काफी नाराज हैं और उनके खिलाफ सख्त ऐक्शन ले सकते हैं।
बाबा तुलसी के बहाने चुनावी वैतरिणी पार करने की तैयारी
आज के राजनीतिक दौर में विपक्ष ने भाजपा को पस्त करने के लिए एक बार फिर जाति का राग छेड़ दिया है। इसके लिए सहारा लिया गया है रामचरितमानस का। उसमें भी सिर्फ एक चौपाई ‘ढोल गंवार शूद्र पशु नारी, सकल ताड़ना के अधिकारी' को ही शस्त्र बनाया गया और कहा गया कि यह चौपाई पिछड़ों, शूद्रों और आधी आबादी योनि महिलाओं का अपमान करने वाली है। वहीं इसी के साथ ही एक और राग विपक्ष ने छेड़ दिया है और वह है जातिगत जनगणना का।
जोशीमठ की सुरक्षा धामी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता
हाल में उत्तराखंड के जोशीमठ में जमीन फटने की गंभीर समस्या सामने आयी, वहां के निवासियों के घरों में दरारें आने लगी, पानी का रिसाव दिखने लगा और पर्यावरणविदों ने स्पष्ट रूप से कह दिया कि जोशीमठ की भूधंसाव की स्थिति अब नियंत्रण के बाहर जा चुकी है जिसे रोका नहीं जा सकता। बचाव, राहत कार्य और पुनर्वास ही एकमात्र विकल्प बचा है। दरअसल जोशीमठ मध्य हिमालय का एक हिस्सा है। यहां की चट्टानें प्रीकैम्ब्रियन युग की और यह क्षेत्र भारत के सबसे गंभीर भूकंपीय क्षेत्र-5 के तहत आता है।
लगातार हार के बावजूद कांग्रेस नहीं ले रही सबक
पार्टी में पिछले विधानसभा चुनाव से ठीक पहले भाजपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए पूर्व मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत ने अगले साल होने वाले चुनाव को लेकर हरिद्वार लोकसभा सीट से ताल ठोंक दी है। लोकसभा चुनाव के लिए अभी समय है, लेकिन दावेदारों ने कमर कसनी शुरू कर दी है, जिसे हरीश रावत अपनी संभावित दावेदारी के लिए चुनौती मान रहे हैं।
नकल के कैंसर की अचूक दवा उम्रकैद के साथ दस करोड़ जुर्माना
अपने धाकड़ फैसलों के लिए पहचाने जाने वाले धामी ने फिर एक बड़ा फैसला लिया है। उनके विरोधी जब-जब उन्हें घेरने की तैयारी करते हैं, तब-तब वे अपने कड़े फैसलों से विरोधियों की बोलती बंद कर देते हैं। अब भर्ती परीक्षा में घोटालेबाज को आजीवन कारावास की सजा और साथ ही दस करोड़ के जुर्माने का प्रावधान करके धामी सरकार ने नकल के कैंसर को खत्म करने के लिए बहुत ही कड़वी दवा का ऐलान कर दिया है।
संकट में अदानी का साम्राज्य
विपक्ष पहले से ही अदानी की संपत्ति में बेतहाशा वृद्धि के पीछे मोदी सरकार का वरदहस्त होने का आरोप लगाता रहा है। खैर, अब इसका जवाब तो मोदी सरकार को ही देना होगा कि वास्तव में उसकी क्या भूमिका है, लेकिन सवाल यह है कि आखिर हिंडनबर्ग क्या बला है और आखिर इसकी रिपोर्ट में ऐसा क्या है जो पूरी धरती ही हिल गयी है। सवाल यह भी है कि हिंडनबर्ग रिपोर्ट : गौतम अदानी का साम्राज्य हिलाने वाली रिसर्च रिपोर्ट के पीछे क्या कोई एजेंडा है ?
तीन राज्यों में बजी चुनाव की रणभेरी
40 सदस्यों वाली मिजोरम विधानसभा का कार्यकाल भी इसी साल 17 दिसंबर को खत्म हो रहा है, जबकि मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान और तेलंगाना में जनवरी 2024 में अलगअलग तारीखों पर कार्यकाल खत्म होगा। चुनाव आयोग ने त्रिपुरा, मेघालय, नगालैंड विधानसभा चुनाव की घोषणा कर दी है। त्रिपुरा में 16 फरवरी को मतदान, नागालैंड और मेघालय में 27 फरवरी को मतदान होगा। तीन राज्यों की 60-60 विधानसभा सीटों के लिए एक-एक चरण में मतदान होगा। वहीं चुनाव के नतीजे दो मार्च को घोषित किए जाएंगे।
सर्वाइवल ऑफ द रिचेस्ट की धुन में न खोए अंत्योदय का राग
ऑक्सफैम की नवीनतम रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में जहां 2020 में अरबपतियों की संख्या 102 थी, वहीं 2022 में यह आंकड़ा 166 पर पहुंच गया है। यहां इस बात पर गौर करना जरूरी है कि किसी देश में अरबपतियों की संख्या में वृद्धि होना वैसे तो कोई बुरी बात नहीं है लेकिन आय की विषमता में वृद्धि होते जाना और बड़ी आबादी का निर्धनता रेखा से नीचे होते जाना जरूर बुरी बात है।
उधार की आधुनिकता स्वाभाविक नहीं होती
कुछ बरस से गाँव देहात के निश्छल लोग भी 'हैप्पी न्यू ईयर' बोल रहे हैं। भारतीय काल गणना का नव वर्ष-संवत्सर चैत्र माह में आता है। तब हवाएं मधुगंधा होती है। गीत गाते चलती हैं। लेकिन ‘न्यू ईयर’ हर साल कोहरे में आता है। हम भारत के लोग उत्सव प्रिय राष्ट्र हैं। इसलिए अंग्रेजी नववर्ष का एक उत्सव और जोड़ लेने में कोई कठिनाई नहीं है।
हीराबेन: मानवीय संवेदनाओं से भर देती है मां की ममता
मैं अपनी मां की इस जीवन यात्रा में देश की समूची मातृशक्ति के तप, त्याग और योगदान के दर्शन करता हूँ। मैं जब अपनी माँ और उनके जैसी करोड़ों नारियों के सामर्थ्य को देखता हूं, तो मुझे ऐसा कोई भी लक्ष्य नहीं दिखाई देता जो भारत की बहनों बेटियों के लिए असंभव हो। अभाव की हर कथा से बहुत ऊपर, एक मां की गौरव गाथा होती है। संघर्ष के हर पल से बहुत ऊपर, एक मां की इच्छाशक्ति होती है। मां, आपको जन्मदिन की बहुत-बहुत शुभकामनाएं। आपका जन्म शताब्दी वर्ष शुरू होने जा रहा है। सार्वजनिक रूप से कभी आपके लिए इतना लिखने का, इतना कहने का साहस नहीं कर पाया। आप स्वस्थ रहें, हम सभी पर आपका आशीर्वाद बना रहे, ईश्वर से यही प्रार्थना है। 'नमन।'
चीन के रास्ते आने वाला कोविड ग्लोबल हेल्थ के लिए खतरनाक
कोरोना के विश्वव्यापी प्रसार के लिए जिम्मेदार कारणों को कुछ थ्योरीज के जरिये भी बताने की कोशिशेंविश्लेषकों द्वारा की जा रही हैं। कोरोना के फैलाव के पीछे चीन की बड़ी महत्वाकांक्षाओं को कारण माना जा रहा है। चीन ने अपनी जीरो कोविड पॉलिसी के खिलाफ लोगों के भारी विरोध के बाद लॉकडाउन के बेहद सख्त नियमों को खत्म कर दिया है।
अलर्ट: फिर सिर उठाने लगा कोरोना वायरस
चीन के अलावा अमेरिका, जापान, दक्षिण कोरिया और पेरिस में भी कोरोना के नए अवतार के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। भारत सरकार ने भी राज्य सरकारों को अलर्ट जारी किया है। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने कहा है कि कोविड अभी खत्म नहीं हुआ है। इसके साथ ही स्वास्थ्य मंत्रालय की बैठक के बाद एयरपोर्ट्स पर चीन से आने वाले और अन्य विदेशी यात्रियों की रैंडम टेस्टिंग शुरू कर दी गई।
'माननीयों' को सताने लगा क्षेत्र खोने का डर
असम में क्षेत्र परिसीमन, ईसीआई की पहल पर उठने लगे सवाल
मिशन 2024 की तैयारी में जुटी भाजपा
गुजरात और हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव और लोकसभा के शीतकालीन सत्र में व्यस्त होने की वजह से तीन महीने से अधिक अंतराल के बाद वाजपेयी झारखंड आएंगे। लेकिन, इस बार वे कम से कम 10 दिन तक यहां रहेंगे। ऐसे में यह स्पष्ट है कि मिशन 2024 को लेकर भाजपा की सांगठनिक गतिविधियां तेज हो गई हैं।
बघेल सरकार ने चुनाव के लिए कसी कमर
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने दावा किया कि कांग्रेस की सरकार हर वर्ग के लिए काम कर रही है, हमने कोरोना काल में हर परिस्थितियों का डटकर मुकाबला किया और कोरोना की चुनौती से हम आसानी से बाहर निकल सके। हमारी सरकार आम जनता की भलाई के लिए काम करने में जुटी है। उपचुनावों में मिल रही जीत इस बात का प्रमाण है।
जहरीली शराब जिंदगी बर्बाद
हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल और झारखंड के शराब की खेप ट्रकों पर लादकर पहुंचने लगी। ऐसा कोई दिन नहीं गुजरता जब दूसरे राज्य से लाई जा रही शराब के ट्रक न पकड़े जाएं। बाहर से शराब आने के साथ ही, इसे बनाने का धंधा भी चलने लगा। हर जिले में चोरी-छिपे शराब बनाई जा रही है।
केन्द्र से पहले इन राज्यों में 'कमल' खिलाने की कवायद
भाजपा ने पिछली बार कांग्रेस और जद (एस) के गठबंधन से सत्ता गंवा दी थी। लेकिन 14 महीनों के भीतर भाजपा के पुराने योद्धा बी एस येदियुरप्पा ने दलबदल करके और जद (एस) - कांग्रेस सरकार को गिराकर सरकार बनाई। पिछले साल जुलाई में भाजपा ने बसवराज बोम्मई को मुख्यमंत्री बना दिया।
समान नागरिक संहिता बहुत कठिन है डगर!
रामलला के मंदिर के अलावा बीजेपी ने अपने एजेण्डे और संकल्प के अनुरूप जम्मू-कश्मीर को लेकर प्रख्यापित संविधान की धारा 370 के तहत मिली स्वायत्ता पर ऐतिहासिक संशोधन किया। उसके बाद अब जबकि साल 2024 यानि अगले साल एक बार फिर लोकसभा का चुनाव होगा, तब बीजेपी अपने एक और पुराने एजेण्डे को अमलीजामा पहनाने को बेकरार दिख रही है।
2024 में काशी मथुरा होंगे बीजेपी के तुरूप कार्ड
बीजेपी और आरएसएस ने काशी विश्वनाथ मंदिर-ज्ञानवापी मस्जिद और मथुरा ईदगाह विवादों से दूरी तो बनाए रखी, लेकिन उसने अपनी इमेज इस तरह की जरूर बनाए रखी जैसे वह काशी - मथुरा की लड़ाई में भी हिन्दुओं के साथ खड़ी हो। अयोध्या 2014 और 2019 में एक तुरूप का पत्ता था और अब 2024 में, काशी और मथुरा भाजपा को सत्ता में वापस लाएगा।
मिशन 2024 - मायावती की नजर अब अति पिछड़ा वोट बैंक पर
बसपा सुप्रीमो मायावती अपने स्वभाव के अनुसार 2024 के आम चुनाव से पहले भी काफी बदली-बदली नज़र आ रही हैं। इसीलिए भले ही उन्होंने अपने शुरुआती दौर की राजनीति में पिछड़ा समाज को अहमियत नहीं दी, लेकिन अब बदले हालात में पिछड़ों और उसमें भी अति पिछड़ा वर्ग के वोटरों को लेकर मायावती कुछ अधिक हाथ-पैर मार रही हैं। इसी कड़ी में उन्होंने प्रदेश बसपा की कमान अपने एक अति पिछड़े नेता को सौंप कर उत्तर प्रदेश की राजनीति में अति पिछड़ों की सियासत को एक बार फिर से गरमा दिया है।
यूपी में निवेश को दुनिया आतुर
योगी की टीम ने 16 देशों का दौरा किया। इस दौरान यूपी में निवेश के लिए सबसे ज्यादा यूनाइटेड किंगडम और अमेरिका ने रुचि दिखायी। अकेले इन दो देशों से राज्य को चार लाख करोड़ रुपए के निवेश प्रस्ताव मिले। भारी भरकम निवेश से यूपी में रोजगार के सात लाख अवसर भी सुलभ होंगे। अब मुख्यमंत्री ने मंत्रियों और अधिकारियों को निर्देशित किया है कि वे देश के दूसरे प्रांतों में जाकर वहां के उद्यमियों को यूपी में निवेश करने के लिए प्रेरित करें।
चर्चा में ही सिमट कर रह गई राहुल की भारत जोड़ो यात्रा
भारत जोड़ो यात्रा के दौरान जो लोग यह कहते घूम रहे थे कि राहुल गांधी ने इस यात्रा से काफी कुछ सीखा है, वह परिपक्व नेता नजर आने लगे हैं, उनकी भी कलई तब खुल गई, जब राहुल गांधी ने दिल्ली की जनसभा में अपनी यात्रा से जुड़ा वृतांत सुनाया, जिसमें आम जनता से जुड़े मुद्दों की बजाए गाय और कुत्ते-बिल्लियों की चर्चा ज्यादा हुई।
अब पूरे देश में छाने को बेताब 'आप'
यूपी में होने वाले नगर निकाय चुनाव में भी आम आदमी पार्टी उतरेगी। इसके जरिए निचले स्तर पर आम आदमी पार्टी अपने लिए जमीन तैयार करेगी, ताकि इसका फायदा विधानसभा और लोकसभा चुनावों में मिल सके। गुजरात में भी आम आदमी पार्टी ने यही किया था। इसका फायदा पार्टी को इस बार हुए विधानसभा चुनाव में भी मिला। विधानसभा चुनाव में आप के पांच प्रत्याशी जीते, जबकि वोट शेयर भी 12 प्रतिशत तक पहुंच गया।