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परिवारवाद की राजनीति नफा कम नुकसान ज्यादा
शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के पुत्र मोह ने सेना को 'चौराहे पर खड़ा कर दिया है। उद्धव को अपना सियासी अस्तित्व बचाना मुश्किल हो गया है। उद्धव के पुत्र मोह के चलते उनके सबसे वफादार नेता एकनाथ शिंदे और करीब 38 अन्य विधायकों ने पार्टी से नाता तोड़कर न केवल अपना अलग गुट बना लिया, बल्कि उद्धव ठाकरे से सत्ता छीन कर एकनाथ शिंदे मुख्यमंत्री भी बन गए हैं।
बगावत की असली वजह
शिवसेना में बगावत नई नहीं है लेकिन इतने बड़े पैमाने पर बगावत क्यों ? यह सवाल सभी के मन में खटक रहा है। इसमें मुख्य वजह केंद्र सरकार की एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय को बताया जा रहा है, जिसके डर से भ्रष्ट नेताओं ने शिवसेना से बगावत कर भाजपा के साथ जाने की जिद पर अडी है लेकिन इसके अलावा भी कई कारण हैं-
धामी ने की सिस्टम में सुधार की प्रभावी पहल
मुख्यमंत्री धामी का मानना है कि सरलीकरण, समाधान, निस्तारण और संतुष्टि सरकार का मूल मंत्र है। सिस्टम इस प्रकार का होना चाहिए, जिससे जनता सरलतम तरीके से अपनी शिकायतों का समाधान करा सके। धामी सरकार ने भ्रष्टाचार से जुड़े मामलों में कार्रवाई करते हुए आठ अधिकारियों को जेल की हवा खिला चुकी है। एक आईएएस, दो आईएफएस और एक आरटीओ को सस्पेंड किया जा चुका है।
क्या भतीजे से अदावत ने खत्म कर दिया है
अब किसी मोर्चे व गठजोड़ की उम्मीद छोड़ते हुए शिवपाल यादव ने खुलेआम कहना शुरू कर दिया है कि सपा ने उनके साथ विश्वासघात किया। दिलचस्प यह कि हर तरफ से ठोकर खाने के बाद सपा विधायक शिवपाल यादव अब 2024 का लोकसभा चुनाव अकेले लड़ने व अपनी पार्टी को मजबूती देने की बात करने लगे हैं, लेकिन उनके लिए आगे की सियासी डगर आसान नहीं दिखाई दे रही है।
भाजपा में जश्न विपक्ष में तकरार
भाजपा के लिए यह जश्न का बड़ा मौका है। फरवरी-मार्च में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा की बड़ी जीत और मुख्यमंत्री की सरकार के कामकाज पर अब मुहर लग गई है। सबसे बड़ी बात यह है कि उसकी बाहों में अब और भी ताकत आ जाएगी। मुख्यमंत्री योगी ने कहा है कि यह चुनाव पार्टी के लिए एक अच्छा संदेश लेकर आए हैं। उनका दावा है कि अब लोकसभा की सभी 80 सीटों पर भाजपा की जीत तय है। मुख्यमंत्री की बात में थोड़ी अतिशयोक्ति हो सकती है लेकिन उपचुनावों में इतनी बड़ी जीत के बाद उनका दावा बहुत दूर की कौड़ी नहीं है।
पवार पस्त, ठाकरे ध्वस्त और फडणवीस मस्त
महाराष्ट्र राज्य में सत्ता पलट हो गया है, लेकिन पिछले दो सप्ताह के बीच इस प्रकार सत्ता पलट का खेल हुआ है कि वह एक इतिहास बन गया है। इस राजनीतिक खेल में ऐसी चाल चली गई कि कई लोग एक ही तीर से घायल हो गए। चाहे वह एनसीपी के शरद पवार हों या शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे अथवा कांग्रेस की केन्द्रीय इकाई। इसके अलावा भाजपा के ही देवेंद्र फडणवीस भी ठिकाने लग गए हैं। किसने चाल चली थी सबको पता है और किसी को पता भी नहीं है।
नेपाल से रिश्ते साधने की नई कवायद
भारत-नेपाल के बीच जो सबसे महत्वपूर्ण विवाद बरकरार रहा है उसका समाधान करने की बात भी नेपाली प्रधानमंत्री देउबा के भारत भ्रमण के दौरान की गई थी, वह है भूमि सीमा विवाद। कालापानी, लिपुलेख लिम्पिआधुरा जो भारतीय स्थल हैं, उस पर नेपाल में हाल के समय में दावा किया है। भारत इन दावों को सिरे से खारिज करता है और चाहता है कि शांतिपूर्ण ढंग से बातचीत करके नेपाल इस मामले का समाधान कर ले और भारत की प्रादेशिक अखंडता और संप्रभुता के सम्मान को चुनौती न दे।
चम्पावत में नये 'पुष्कर' का उदय
धामी ने चम्पावत उपचुनाव में रिकार्ड जीत हासिल करके मुख्यमंत्री की कुर्सी सुरक्षित करने के साथ ही अपना आत्मविश्वास भी बढ़ाया है। उत्तराखण्ड विधानसभा के सियासी इतिहास में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी पांचवें ऐसे मुख्यमंत्री हैं, जो विधानसभा उपचुनाव के लिए मैदान में उतरे थे। उनसे पहले एनडी तिवारी, भुवन चंद खण्डूड़ी, विजय बहुगुणा और हरीश रावत को बतौर मुख्यमंत्री उपचुनाव लड़ना पड़ा था। धामी ने उपचुनाव में रिकार्ड वोटों से जीत हासिल कर इन चारों पूर्व मुख्यमंत्रियों को पीछे छोड़ दिया है।
दहेज की मोटरसाइकिल
रूपा के पिता जब लड़के वाले के यहां मिठाई लेकर रूपा के रिश्ते के लिए पहुंचे तो अपनी सुंदर सुशील शिक्षित बेटी के गुणों का बखान करने लगे। राहुल जो पास में बैठा था, बोला सब तो ठीक है पर हमें बुलेट मोटरसाइकिल चाहिये दहेज में ... ।
भारत के नेतृत्व पर बढ़ता भरोसा
अमेरिका, जापान, ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों को आज भरोसा हो चुका है कि भारत सागरीय सुरक्षा के लिए एक मजबूत ताकत के रूप में उभर रहा है। घातक युद्धपोतों, विध्वंसकों, फ्रिगेटों की तैनाती में इंडियन नेवी लगी हुई है, उदयगिरि और सूरत जैसे नए युद्धपोत इसी प्रक्रिया का हिस्सा हैं। क्वाड को इस बात का भरोसा है कि भारत जिस स्तर पर मॉरिशस, सेशेल्स सहित फिपिक देशों को अपने साथ विवास के सूत्र में जोड़ रहा है, उसके चलते यह देश चीन का प्लेइंग कॉर्ड नहीं बनेंगे और अपनी सागरीय संप्रभुता को चीन के सामने गिरवी नहीं रखेंगे।
क्या शृंगार गौरी पर मिलेगा पूजा का अधिकार या बढ़ेगा विवाद
काशी विश्वनाथ मंदिर बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है। हजारों वर्ष पुराने काशी विश्वनाथ मंदिर का हिंदू धर्म में एक विशिष्ट स्थान है। ऐसा माना जाता है कि एक बार इस मंदिर के दर्शन करने और पवित्र गंगा में स्नान कर लेने से मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस मंदिर में दर्शन करने के लिए आदि शंकराचार्य, सन्त एकनाथ, रामकृष्ण परमहंस, स्वामी विवेकानंद, महर्षि दयानंद, गोस्वामी तुलसीदास सभी का आगमन हुआ था। कहा जाता है कि यह मंदिर भगवान शिव और माता पार्वती का आदि स्थान है।
बाढ़ एवं भूस्खलन बन रहा विकास में बाधक
असम में बाढ़, भूकटाव और भूस्खलन के कारण सूबे के 22 जिलों के लगभग साढ़े 7 लाख लोग प्रभावित हुए हैं और मृतकों की संख्या अब तक 26 तक पहुंच गई है। एक आंकड़े के मुताबिक राज्य के 34 जिलों में से इन 22 जिलों के 2,095 गांवों में 7.19 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं। इन 7, 19,425 में 1,41,050 बच्चे भी शामिल हैं। खुशी की बात तो यह है कि बाढ़ और भूस्खलन की तबाही से उबारने के लिए सीएम राहत कोष में बड़े-बड़े औद्योगिक घराने, व्यवसायी सहित विभिन्न स्तर के लोग स्वतः धन दान कर रहे हैं।
पहाड़, पर्यावरण और पर्यटन
उत्तराखंड में 6 राष्ट्रीय उद्यान गंगोत्री राष्ट्रीय उद्यान, राजाजी राष्ट्रीय उद्यान, नंदादेवी राष्ट्रीय उद्यान, जिम कार्बेट राष्ट्रीय उद्यान, गोविन्द राष्ट्रीय उद्यान, फूलों की घाटी राष्ट्रीय उद्यान और 7 वन्य जीव विहार केदारनाथ वन्य जीव विहार, अस्कोट वन्य जीव विहार, गोविन्द वन्य जीव विहार, सोननदी वन्य जीव विहार, नंधौर वन्य जीव विहार, बिनसर वन्य जीव विहार व मसूरी वन्य जीव विहार स्थित हैं। यह राष्ट्रीय उद्यान और वन्य जीव विहार पर्यावरण पर्यटन के मुख्य आधार बन सकते हैं।
ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी से खिले मोदी-योगी के चेहरे
उत्तर प्रदेश में अगर उद्योगपति विश्वास दिखा रहे हैं तो उसके लिए योगी सरकार की जितनी तारीफ की जाए कम है। भले ही विपक्ष कुछ भी हो हल्ला मचाता रहे, हकीकत यही है कि उत्तर प्रदेश में हालात काफी बदल गए हैं। कानून-व्यवस्था में सुधार आया है, दंगाइयों, उपद्रवियों पर सख्त कार्रवाई की जाती है। संगठित अपराध एक तरह से पूरी तरह थम गए हैं, माफिया या तो जेल के अंदर या प्रदेश छोड़कर भाग गए हैं। योगी का निवेशकों को यह विश्वास दिलाना बहुत मायने रखता है। उद्योगपतियों को भी इस बात का पक्का विश्वास हो गया है कि योगी सरकार में उनके हितों को पूरा संरक्षण मिलेगा।
ग्रीन हाइड्रोजन में वैश्विक मुखिया बनेगा भारत
मोदी सरकार ने इसी साल अपनी नेशनल हाइड्रोजन पॉलिसी का ऐलान किया है। इस प्रकार हम कह सकते हैं कि हरित हाइड्रोजन पर भारत अपनी तैयारियां मजबूत कर रहा है। भारत ऊर्जा सुरक्षा के लिए आज सुनियोजित तैयारियां करने में लगा है। जीवाश्म ईंधन के शुद्धतम विकल्पों की तलाश में भारत ने अनुसंधान और विकास कार्य को बढ़ावा दिया है। सौर, पवन, ज्वारीय ऊर्जा को बढ़ावा देने के साथ-साथ अब भारत ने भविष्य का ईंधन कहे जाने वाले हाइड्रोजन को अपनी ऊर्जा सुरक्षा का अस्त्र बनाने की रणनीति भी बनाई है।
73 साल बाद बैडमिंटन में भारत ने रचा इतिहास
पहली बार जीता थॉमस कप, 14 बार के चैंपियन इंडोनेशिया को 3-0 से दी मात
'तेजाब' ने धक-धक गर्ल को बना दिया हर दिल की धड़कन
अपनी मनमोहक मुस्कान से लाखों लोगों को दीवाना बनाने वाली खूबसूरत अदाकारा माधुरी दीक्षित का जन्म 15 मई, 1967 को महाराष्ट्र में हुआ था।
टॉप गियर में योगी सरकार विरोधी दल में कलह
उत्तर प्रदेश की राजनीति में विपक्ष का सारा दारोमदार समाजवादी पार्टी पर आन पड़ा है। योगी सरकार को सदन में दो तिहाई बहुमत प्राप्त है। तो भी विरोधी दल यानी सपा का यह संख्या बल उसको घेरने के लिए पर्याप्त है। समाजवादी पार्टी अगले चुनावों तक जनता में अपने लिए कितना समर्थन और सम्मान अर्जित कर पाती है, यह सदन और सदन से बाहर उसके प्रदर्शन पर ही निर्भर करेगा। अखिलेश यादव ने इस अवसर को अच्छी तरह पहचाना है। लेकिन जिसे कहते हैं, सिर मुढ़ाते ही ओले पड़ना, समाजवादी पार्टी शक्तिशाली विपक्ष की भूमिका में आने से पहले ही अपने आन्तरिक कलह में घिर गई है।
हाइब्रिड सुरक्षा मॉडल समय की मांग
हाइब्रिड सुरक्षा मॉडल समय की मांग है। निजी क्षेत्र की विभिन्न औद्योगिक और विनिर्माण इकाइयों को प्रभावी सुरक्षा मुहैया कराने के लिए केंद्र सरकार का अर्धसैनिक बल सीआईएसएफ और निजी सुरक्षा एजेंसियां एक साथ मिल कर काम कर सकती हैं। गृह मंत्रालय का मानना है कि सीआईएसएफ जैसे सुरक्षा बल अकेले देशभर में निजी क्षेत्र की विभिन्न औद्योगिक और विनिर्माण इकाइयों को प्रभावी सुरक्षा मुहैया नही उपलब्ध करा सकते। इसी कड़ी में सीआईएसएफ से निजी सुरक्षा एजेंसियों को प्रशिक्षण देने की जिम्मेदारी लेने पर विचार करने को भी कहा गया है।
भीमताल : मशरूम क्रांति का नया पड़ाव
उत्तराखंड के पर्वतीय ग्रामीण क्षेत्रों से पलायन रोकने के लिए मशरूम की खेती को एक बड़े समाधान के रूप में देखा जा रहा है। इसीलिए नैनीताल के मुख्य विकास अधिकारी डॉ. संदीप तिवारी का कहना है कि गांवों से पलायन रोकने के लिए मशरूम उत्पादन, पॉलीहाउस योजना, बागवानी, मत्स्य पालन समेत अन्य योजनाओं से लोगों को स्वरोजगार से जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है।
ट्रेडिशनल मेडिसिंस के क्षेत्र में बजता भारत का डंका
डब्ल्यूएचओ ग्लोबल सेंटर फॉर ट्रेडिशनल मेडिसिन, विश्व में अपनी तरह का पहला केन्द्र है, जिसका 19 अप्रैल, 2022 को जामनगर में उद्घाटन किया गया। इस केन्द्र का लक्ष्य पारंपरिक चिकित्सा की क्षमता को तकनीकी प्रगति और साक्ष्य - आधारित अनुसंधान के साथ एकीकृत करना है। जामनगर इसके आधार के रूप में कार्य करेगा और इस नए केंद्र का उद्देश्य विश्व को शामिल करना और उसे लाभान्वित करना है।
चारधाम यात्रा श्रद्धालुओं के आतिथ्य को तैयार धामी सरकार
यात्रियों को देवभूमि में दिल खोलकर स्वागत हो और उन्हें किसी प्रकार की कोई असुविधा न हो, इसके लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अधिकारियों को सभी व्यवस्थाएं समय पर दुरस्त करने के निर्देश दिए हैं। यात्रा से जुड़ी सभी तैयारियों पर मुख्यमंत्री स्वयं नजर बनाए हुए हैं। अब तक एक लाख से अधिक यात्री चारधाम यात्रा के लिए अपना ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करा चुके हैं।
मुस्लिम तुष्टीकरण - राज्य सरकारें हिन्दुओं को घोषित कर सकती हैं अल्पसंख्यक
हाल ही में राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग अधिनियम 1992 चर्चा में रहा क्योंकि हाल ही में एक याचिका दायर करके केंद्र सरकार द्वारा अल्पसंख्यकों को दर्जा देने के अधिकार पर चुनौती पेश की गई है और ऐसा इसलिए किया गया है क्योंकि हाल ही में केंद्र सरकार ने इस बात पर विचार करना शुरू किया था कि जिन राज्यों में हिंदुओं की संख्या काफी कम हो गई है वहां पर हिंदुओं को अल्पसंख्यक घोषित कर दिया जाए, इसलिए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को 4 सप्ताह का समय देते हुए इस बारे में स्पष्टीकरण देने को कहा है।
सियासत की नयी तस्वीर गढते धामी उत्तराखंड की राजनीति में नए युग का आगाज
धामी के बहाने सिर्फ भाजपा ही नहीं, उत्तराखंड की सियासी तस्वीर बदलने जा रही है। प्रदेश की राजनीति में भुवन चंद खंडूरी, भगत सिंह कोश्यारी, विजय बहुगुणा, हरीश रावत, हरक सिंह, दिवाकर भट्ट, काशी सिंह ऐरी का युग अब लगभग खत्म सा हो गया है। रमेश पोखरियाल निशंक, त्रिवेंद्र सिंह रावत, अजय भट्ट, मदन कौशिक, सतपाल महाराज और गणेश जोशी की सियासी पारी भी ढलान पर है। राज्य की सियासत को हर कहीं अब नए नेतृत्व की दरकार है। वैसे भी भाजपा रणनीतिक रूप से तमाम राज्यों में नए नेतृत्व पर फोकस कर ही रही है। इसी क्रम में उत्तराखंड में भी भाजपा का सियासी दौर बदल रहा है।
जीरो टॉलरेंस और सुशासन हमारी प्रतिबद्धता : धामी
उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी अपनी नई पारी में बदले - बदले से नजर आ रहे हैं।
जम्मू कश्मीर के लिए 20 हजार करोड़
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सांबा में 3100 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से बनी बनिहाल काजीगुंड सड़क सुरंग का उद्घाटन किया। कुल 8.45 किलोमीटर लंबी यह सुरंग सड़क मार्ग से बनिहाल और काजीगुंड के बीच की दूरी को 16 किलोमीटर कम कर देगी और यात्रा में लगने वाले समय में लगभग डेढ घंटे की कमी ला देगी।
गांधी परिवार का विकल्प है ही कहां!
कांग्रेस के पास बहुत सीमित विकल्प ही उपलब्ध हैं। ऐसे में प्रशांत किशोर की बातों को आत्मसात करना उसके लिए पार्टी के लोग एकदम हितकर मानते हैं। प्रशांत किशोर चुनाव विशेषज्ञ हैं और उन्होंने कांग्रेस के हालातों पर गहराई से अध्ययन कर अपने प्रस्ताव तैयार किए हैं। वे सोनिया गांधी व दूसरे नेताओं के समक्ष इन्हीं प्रस्तावों पर प्रजेंटेशन भी दे चुके हैं। कांग्रेस के साथ दिक्कत यह है कि विभिन्न राज्यों में उसका वोट बैंक उसके पास से तेजी से खिसक रहा है। उत्तर प्रदेश इसका सबसे बड़ा उदाहरण है। उसे उत्तर प्रदेश विधानसभा के चुनाव में कूल दो सीटें और 3 प्रतिशत से भी कम वोट मिले हैं।
हिजाब विवाद एक खतरनाक सोच
हिजाब का धर्म से कोई लेना-देना नहीं है, बल्कि यह मानसिकता दर्शाता है कि मुस्लिम मर्दो को अपनीऔरतों, बच्चियों पर विश्वास नहीं है। इसलिए वह कुरान की आड़ में उनपरतरहतरह कीपाबंदियां लगाते रहते हैं औरबड़ीशान के साथयह भी बताते हैं कि हिजाब के बिना मुस्लिम महिलाएं असुरक्षित हो जाएंगी,जो काफीहास्यास्पद है। हिसाबसेबड़ा मुद्दा तोधर्मांतरण का है। जिस तरह से हिंदू लड़कियों को लव जिहादमें फंसाया जाता है, वहन केवल शर्मनाक बल्कि देश के लिए बड़ा खतरा है।
रूस-यूक्रेन की जंग का क्या होगा अंजाम
विवाद के सभी पहलुओं को समझने की जरूरत
राष्ट्रीय सुरक्षा और खुफिया सूचना तंत्र की मजबूती
लोक व्यवस्था अथवा कानून और व्यवस्था राज्य सूची का विषय है और वर्तमान में भारत के कुछ राज्य वैचारिक, राजनीतिक, दलगत और अन्य स्तरों पर केंद्र सरकार से खुली प्रतिस्पर्धा करने की मंशा से ग्रस्त दिखाई देते हैं। ऐसे में उन राज्यों में आतंकवादी गतिविधियों, राष्ट्र विरोधी गतिविधियों की रोकथाम के लिए राज्यों को सुरक्षा के प्रकरण पर सहयोगी संघवाद की भावना से जोडने की जरूरत साफ दिखाई देती है।