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तमिलनाडु टूरिज्म तमिलनाडु की समृद्ध नृत्य विधाएं
नृत्य तमिलनाडु की संस्कृति का अभिन्न अंग है। राज्य के विभिन्न हिस्सों में पाई जाने वाली नृत्य विधाएं, राज्य की समृद्ध सांस्कृतिक परंपरा को प्रदर्शित करती हैं। नृत्य विधा, कहानी कहने का माध्यम बनकर उभरी है। ये नृत्य विधाएं लोकगाथाओं और महाकाव्यों का आधार हैं।
'मिनी पंजाब' से उठतीं तल्ख हवाएं
भारत-कनाडा संबंध के बीच खालिस्तान पर अचानक उठा ज्वार पंजाब की घरेलू राजनीति के लिए बड़ी चुनौती
नक्सली गढ़ में पर्यटन
बंदूक के साये में रहने वाला गांव अब पर्यटकों से गुलजार है, बस्तर में बदलाव की अनूठी मिसाल
रियासतों की सियासत
पिछले छह दशकों से प्रदेश की सियासत में सक्रिय 34 छोटे-बड़े राजघरानों में 7 कांग्रेस के और 12 भाजपा के साथ
पहली लड़ाई के मोर्चे
पांच राज्यों के चुनाव लोकसभा चुनावों का अफसाना गढ़ेंगे और कई मुद्दों की परीक्षा साबित होंगे
एक मुकदमा, सौ अफसाने
करीब चार दर्जन पढ़ने-लिखने वालों के यहां पड़े एकमुश्त छापे अप्रत्याशित और अभूतपूर्व
शिक्षक शाहरुख खान
एक व्यावसायिक मगर शिक्षाप्रद फिल्म जिसने युवाओं को सवाल पूछने के लिए प्रेरित किया
सौर ऊर्जा का सांची संदेश
सोलर सिटी और ईको फ्रेंडली सुविधाओं के जरिये प्रदूषण कम करके टूरिज्म को बढ़ावा देने की कोशिश
वनटांगिया के जंगलों में रामराज
बरसों से जंगल में रहने को अभिशप्त समुदाय में विकास गतिविधियों के माध्यम से भाजपा ने बढ़ाई अपनी पैठ
राजनीति में देव
रूपहले परदे पर इश्क सिखाने वाला एक कलाकार दलगत राजनीति में तीसरा विकल्प देने की हद तक सक्रिय हो चुका था, यह जानना ही अपने आप में अचंभा पैदा करता है
हर फिक्र का बोझ उठाता गया
समाज और राजनीति पर पैनी नजर और हर नाइंसाफी के खिलाफ खुलकर खड़ा होने वाले बिरले फिल्मकार थे देव साहब
मायानगरी की देव-कथा
पचास और साठ के दशक के नायकत्व का आध्यात्मिक अतिक्रमण वह दुर्लभ तत्व है, जो राज कपूर और दिलीप कुमार से देव आनंद को अलग करता है, अंतिम सांस तक खुद को और हिंदी सिनेमा को पुनर्नवा बनाने का संघर्ष करते रहे राजू गाइड के स्वामी में रूपांतरण का एक सफरनामा
हिंद स्वराज में आर्थिक तानाशाही से मनुष्य को बचाने के नुस्खे
आज का क्रोनी पूंजीवाद हमें आर्थिक तानाशाही की तरफ ले जा रहा है, जो लोग इसके नकारात्मक प्रभावों के कारण आज तकलीफ में हैं, उन्हें हमें राहत पहुंचानी होगी
गांधी की स्त्री पलटन
आज नारी सशक्तीकरण और सार्वजनिक जीवन में उसके प्रतिनिधित्व का खूब हल्ला है। यह अलग बात है कि आज भी यह दूर की कौड़ी है। आजादी के संघर्ष में महात्मा गांधी ने जिस पैमाने पर महिलाओं को सार्वजनिक जीवन में आगे बढ़ाया और सामाजिक-रचनात्मक कार्यों के लिए प्रेरित किया, उसकी मिसाल और कहीं शायद ही मिलती है।
दूर के ढोल क्यों बाजे झमाझम
विशेष सत्र में लोकसभा और विधानसभाओं में महिलाओं को एक तिहाई प्रतिनिधित्व देने का विधेयक पारित तो हुआ मगर यह दूर की कौड़ी
जागरुकता अभियान ने दिखाई सफलता की राह
बिहार के जाने-माने मेडिकल ऑन्कोलॉजिस्ट और दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) से डीएम की डिग्री हासिल कर चुके डॉ. अरविन्द कुमार संभवतः प्रदेश के पहले ऐसे डीएम डिग्री होल्डर हैं, जिन्होंने अपने पैतृक राज्य में वापसी की है। साल 2016 को बुद्ध पूर्णिमा के दिन 2 बेड से शुरुआत करने वाला यह अस्पताल अब विश्वस्तरीय अत्याधुनिक सुविधाएं देने वाला 100 बेड का अत्याधुनिक बुद्ध कैंसर सेंटर में परिवर्तित हो चुका है।
आईएमए ने डॉ. एकेएन सिन्हा राष्ट्रीय अवॉर्ड से नवाज़ा
बिहार के मोतिहारी जिले में अपने जमाने के प्रसिद्ध हृदय रोग विशेषज्ञ स्व. डॉ. शम्भू शरण के पुत्र डॉ. आशुतोष शरण और उनकी पत्नी डॉ. जसवीर कौर शरण ने चिकित्सा जगत में अलग मुकाम हासिल किया है। 1985 में मोतिहारी के ज्ञान बाबू चौक पर दोनों छोटे से क्लिनिक से शुरुआत की थी। आउटलुक ग्रुप द्वारा आयोजित दो अलग कार्यक्रमों में अभिनेता मनोज बाजपेयी और पंकज त्रिपाठी के हाथों सम्मानित हो चुके डॉ. शरण को मुंबई में आयोजित ग्लोबल एक्सीलेंस अवॉर्ड 2019 एवं 2022 में अभिनेत्री माधुरी दीक्षित और अभिनेता अनुपम खेर भी सम्मानित कर चुके हैं।
डॉ. बी सी रॉय नेशनल अवॉर्ड ने बढ़ाया मान
भारत के चिकित्सा जगत के सर्वोच्च प्रतिष्ठित डॉ. बी सी रॉय नेशनल अवॉर्ड, आईएमए द्वारा नेशनल प्रेजिडेंट स्पेशल एप्रीसिएशन अवॉर्ड, फिल्म अभिनेता अनुपम खेर के हाथों ग्लोबल एक्सीलेंस अवॉर्ड, आउटलुक पत्रिका समूह द्वारा विजनरीज़ ऑफ़ बिहार अवॉर्ड से सम्मानित बिहार के जाने-माने सर्जन डॉ. एन.पी. नारायण किसी परिचय के मोहताज नहीं। साल 2022 में इंडिया टुडे ग्रुप द्वारा प्रकाशित आइकॉन्स ऑफ़ इंडिया कॉफ़ी टेबल बुक में डॉ. नारायण की स्टोरी प्रमुखता से प्रकाशित हुई थी।
दृढ़ निश्चय से मिली सफलता!
बिहार के गया जिले के खिजासराय थाना क्षेत्र के गौहरपुर गांव में 30 दिसंबर 1972 में जन्मे जाने-माने हड्डी रोग विशेषज्ञ ने परिश्रम के बूते बेमिसाल शोहरत हासिल की है। गया के जीबी रोड पर 2003 में निजी क्लिनिक की शुरुआत की और 2007 में हड्डी हॉस्पिटल एंड आर्ट सेंटर की आधारशिला रखी। मगध क्षेत्र के पहले एमआरआई और सीटी स्कैन के साथ अस्पताल की शुरुआत करने वाले डॉ. निश्चल अब अर्श सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल को लेकर चर्चा में हैं। आधुनिक सुविधाओं वाले इस अस्पताल में इस वक़्त ऑर्थोपेडिक्स, न्यूरो सर्जरी, कार्डियोलॉजी, जनरल सर्जरी, पीडियाट्रिक्स, साइकेट्रिक, जनरल मेडिसिन, ऑब्टेट्रिक्स एवं गाइनोकॉलोजी के अलावा गैस्ट्रोइंटेरोलॉजी की सुविधा भी मौजूद है।
सवेरा ने दिखाई उम्मीद की किरण
भारत में कैंसर से संबंधित कई चिकित्सक हैं, जो मरीजों को एक छत के नीचे सस्ते दर पर उच्च स्तरीय चिकित्सा उपलब्ध करा रहे हैं। ऐसे ही अस्पतालों में पटना स्थित सवेरा कैंसर एंड मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल का नाम है। हिन्दू राव, तीरथराम, ब्रीच कैंडी, महावीर कैंसर संस्थान और टाटा मेमोरियल हॉस्पिटल मुंबई में अपनी सेवाएं दे चुके बिहार के जाने-माने कैंसर सर्जन और सवेरा कैंसर हॉस्पिटल एंड मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल के प्रबंध निदेशक डॉ. विजय प्रताप सिंह बिहार के चिकित्सा जगत में किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं।
नंबर के भंवर में डूबते बच्चे
लाखों अभिभावकों की उम्मीद की नगरी कोटा रोजाना हो रही आत्महत्याओं से अब डराने लगी है
मिनट भर का अंधेरा हमें अंधा नहीं कर सकता...
आधुनिक विश्व में सबसे घृणित चिली में तख्तापलट और सर्वाधिक त्रासद तानाशाही सत्ता के आगमन के पचास साल पूरे होने पर सिनेमा के बहाने एक महान कवि की याद
आंख खुली पर देर से
शिमला-मनाली जैसे पर्यटन स्थलों पर बारिश में हुई भारी तबाही पर सरकार और सुप्रीम कोर्ट सख्त
छापे के खेल में बघेल
केंद्रीय एजेंसियों के दबाव और छत्तीसगढ़िया अस्मिता के खेल पर खड़ा हो रहा है चुनाव
बेचेहरा भाजपा आश्वस्त गहलोत
इस बार न तो कांग्रेस सरकार के खिलाफ हवा है और न ही मुख्यमंत्री गहलोत पिछली दो बार की तरह अलोकप्रिय, लेकिन भाजपा में वसुंधरा राजे के दरकिनार होने से पार्टी का चुनाव प्रचार बेचेहरा और बदरंग
चौहान की चुनौती चौतरफा
बीस साल से सत्ता में रहने के बाद मुख्यमंत्री मतदाताओं को रिझाने और सत्ता बचाने के लिए तूफानी दौरों के सहारे
हारे तो बड़ी लड़ाई मुश्किल
राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश के आसन्न विधानसभा चुनाव केंद्र की चुनावी सियासत भी तय करने जा रहे, इसलिए तीनों मुख्यमंत्रियों पर अपने गढ़ को बचाने और देश की अगली राजनीति पर छाप छोड़ने की महती जिम्मेदारी
घोसी जनादेश के सियासी संकेत
घोसी में 'इंडिया' गठबंधन की पहली चुनावी जीत और प्रदेश कांग्रेस में नेतृत्व परिवर्तन क्या विपक्ष में जान फूंक पाएगा
'तीन गुना ईवीएम बनाने में ही दो-चार साल लग जाएंगे'
संसद के विशेष सत्र और 'एक राष्ट्र एक चुनाव' की बहस पर पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एसवाइ कुरेशी से हरिमोहन मिश्र ने बातचीत की। मुख्य अंश:
इंडिया महाभारत
नाम प्रकरण से साबित होता है कि लोकसभा चुनाव सबके लिए करो या मरो जैसे