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तूफानी संकेत
2023 झलकियां
बीच बहस में
चर्चा और बहस मुबाहिसे का बायस बन पिछले साल प्रकाशित पुस्तकों की एक मोटी फेहरिस्त
"धर्म सबसे बड़ा शोषक और जाति प्रथा सबसे घृणित"
इस साल अपने उपन्यास 'मुझे पहचानो' के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से नवाजे गए कथाकार संजीव से उनके लेखन कर्म, जीवन, मौजूदा समाज और राजनीति की दशा पर हरिमोहन मिश्र ने विस्तृत बातचीत की। उसके अंश:
सदैव अमृतामय
इमरोज (1926-2023)
लंबी रेस के घोड़े!
आइपीएल के मुनाफे में पैसों की बारिश के साथ, खिलाड़ियों की वह पहचान भी है, जिससे अब उन्हें पूरा देश जानने लगा है
सस्ता नशा महंगी कीमत
यूट्यूब, इंस्टाग्राम और टिकटॉक के दौर में आदमी ही कंटेंट है । वह जो करे, वही टैलेंट है। कौन, कब, कहां, कैसे, किस हरकत से स्टार बन जाए कहा नहीं जा सकता। अजीबोगरीब कंटेंट बनाने वाले कुछ सामान्य लोग, जिनके दीवानों की अच्छी-खासी फौज है
नई नियति, नए नियंता
कॉलिंस के शब्दकोश ने एआइ को 2023 का शब्द बताया, यथार्थ की जगह आभास, असल की जगह नकली मेधा, आदमी की जगह रोबोट, इनसानी विवेक की जगह अलगोरिद्म, और स्वतंत्रेच्छा की जगह नियति- कल की दुनिया इन्हीं से मिलकर बननी है, सोशल मीडिया की लत उस बड़ी बीमारी का महज लक्षण भर
चौबीस के मोहरे
नया साल शुरू होते ही लोकसभा चुनावों के मद्देनजर भाजपा और विपक्ष का जोर रणनीतियों पर
दौलत बड़ी या लॉयल्टी!
हार्दिक पंड्या के मुंबई इंडियंस में जाने पर बहस छिड़ी कि पैसे के लिए नई टीम में जाना कितना सही
सिनेमा के एंडलेस बार्डर्स
आठ दिवसीय अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव का 54वां संस्करण नए निर्देशकों, अनूठी फिल्मों और बेहतरीन कलाकारों से गुलजार रहा
मजदूर केंद्रित सिनेमा के रंग
ईश्वर ने कहा, 'कामगार हों', और कामगार तबके का जन्म हो गया। ईश्वर सबको एक आंख से देखता है, तो अपनी इंसाफपसंदगी में उसने फिर कहा, 'कामगारों के दुश्मन भी हों, और इस तरह बनिये, महाजन, कॉरपोरेट और उनके रहनुमा भी पैदा हो गए। तब से लेकर अब तक दोनों पक्षों के बीच हास्यास्पद रूप से एक गैर-बराबर जंग मची हुई है।
गुमनाम मौतों के सूबे में
धनबाद के दर्जनों गांवों के बाशिंदों के लिए रोजगार का संकट उन्हें अवैध खनन की ओर ले जाता है
अंधेरी सुरंगों में रेंगती जिंदगी का उत्सव
जान जोखिम में डालकर दूसरों की सुविधा का इंतजाम करने वाले निम्न वर्ग के मजदूरों की जिंदगी खुद अंधेरी सुरंग में कैद
एक दुःस्वप्न का अंत
अंधेरी सूरंग में सत्रह दिन के पीड़ादायक अनुभव
जिंदगी से बदहाल गुदड़ी के लाल
कासगंज और बुलंदशहर के रहने वाले मजदूर मानते हैं कि मीडिया की पूछ बंद हो जाए तो जिंदगी गड्ढे में ही कटनी है।
इन नायकों को गैर-बराबरी की सुरंग से कौन निकालेगा?
जो 41 लोग बचाए गए वे मजदूर हैं, जिन 12 ने बचाया वे भी मजदूर हैं, दोनों ही सामाजिक व्यवस्था के हाथों मजबूर, सवाल इन्हें नायक बनाने से आगे का है
'भजन' भरोसे राज
राष्ट्रीय स्वयंसेवक के प्रचारक के जीवन में इससे बड़ा संयोग और सुख नहीं हो सकता कि अपने जन्मदिन पर वह देश के सबसे बड़े सूबे के मुख्यमंत्री पद की शपथ संघ के सबसे बड़े प्रचारक और देश के प्रधानमंत्री की उपस्थिति में ले।
युवा जोश को तरजीह
रेवंत रेड्डी फीनिक्स की तरह गिरकर उभरे और अपनी योग्यता साबित की और देश के सबसे युवा राज्य के सबसे युवा मुख्यमंत्री बने । एक तेजतर्रार युवा नेता, जो सबको साथ लेकर चलता है
आदिवासी अहमियत
राजनीति के समीकरणों और संसदीय चुनावों पर नजर तो लाजिमी है मगर व्यक्तिगत शख्सियत के नाते साफ, सरल और संवेदनशील आदिवासी होना भी 59 वर्षीय विष्णुदेव साय के मुख्यमंत्री बनने के पक्ष में गया।
पीढ़ी क्या बदल रही
राजनैतिक फलक पर नेताओं की नई पांत की आमद
धीरज का कारु का खजाना
आयकर छापे में करोड़ों की नकदी की बरामदगी पर भाजपा का हल्ला बोल, मगर कांग्रेस ने झाड़ा पल्ला
महुआ रंग-प्रसंग
सत्रहवीं लोकसभा की सांध्य वेला यानी आखिरी औपचारिक शीतकालीन सत्र में पश्चिम बंगाल की कृष्णानगर से सदस्य महुआ मोइत्रा के निष्कासन पर तीखा विवाद जारी है।
आइए संसदीय 'तंत्र' लोक में!
संसद से रिकॉर्ड संख्या में सांसदों का निलंबन और हाल की कई विधायी घटनाओं से केंद्रीकरण बढ़ने और संसदीय लोकतंत्र पर खतरे की आशंका
शहरनामा चंदेरी
चंद्राकार पर्वतों का शहर - मध्य प्रदेश के अशोक नगर जिले में चंद्राकर पर्वतों के नाम पर बसा छोटा-सा शहर चंदेरी का इतिहास नवपाषाण काल से मिलता है।
"ओटीटी प्लेटफॉर्म ने भारतीय कहानी को वैश्विक ऑडियंस तक पहुंचाया है"
कड़क सिंह पारिवारिक फिल्म है। इसमें बहुत सरल ढंग से पिता और पुत्री के रिश्ते को दिखाया गया है। मुझे विश्वास है कि दर्शक फिल्म से भावनात्मक जुड़ाव महसूस करेंगे
नाम 'छोटे' प्रदर्शन 'बड़े'
इस बार का क्रिकेट विश्व कप कई मायनों में खास रहा, कई छोटी टीमों ने दमदारी दिखाई और आश्चर्यजनक उलटफेर किए
डरावने इस पर महज 'ड्रामा'
मौतें बढ़ रही हैं, परिवार टूट रहे हैं, लेकिन सियासत सिर्फ नशामुक्त राज्य बनाने की शपथ उठाकर मस्त
जातीयता की नई सियासत
नई प्रशासन प्रणाली का वादा करके बहुमत पाया जेडपीएम को कई चुनौतियों का सामना
जादूगर का हैट जादूगर का खरगोश
2023 फिर बताता है कि संभव संभावनाओं में असंभव संभावना छिपी होती है, भाजपा असंभव को साधती आ रही है, दूसरे संभव को असंभव बनाने के खेल से बाहर ही नहीं आ पाते
नैरेटिव का नतीजा
भ्रष्टाचार, भाई-भतीजावाद, अहंकार के आरोपों ने कमाल दिखाया