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कृषि सुधार या संकट का फरमान
नए कानूनों को सरकार लंबे समय से लंबित सुधार बता रही लेकिन किसानों में कृषि उपज मंडी और एमएसपी खोने की आशंकाएं बढ़ीं, क्या सरकार झेल पाएगी यह विरोध
यूपीवुड के हसीन सपने
उत्तर प्रदेश की आदित्यनाथ सरकार की मुंबई के बॉलीवुड के टक्कर में नई मायानगरी बसाने की योजना की आर्थिक-राजनैतिक वजहें भी स्पष्ट
जमीन वापस पाने की जद्दोजहद
पंथक सियासत में आधार खोने के बाद शिरोमणि अकाली दल किसानों के बीच पैठ बढ़ाने के प्रयास में
श्रमेव अ-जयते
संसद में पारित तीन संहिता से श्रमिक अधिकारों पर कैंची, अधिकारों के लिए हड़ताल का रास्ता भी मुश्किल
सौगातों के सहारे
चुनाव के ऐलान से ऐन पहले राज्य और केंद्र की एनडीए सरकार ने दनादन परियोजनाओं की घोषणा की मगर क्या वोटरों पर जादू चलेगा
सुधार से ज्यादा विरोधियों पर नजर
लेटर बम के बाद संगठनात्मक बदलाव तो हुए लेकिन उसमें चुनाव जीतने से ज्यादा पार्टी असंतुष्टों को शांत करने पर जोर
नहीं उतरा उड़ता पंजाब
चार हफ्ते में नशे का जाल खत्म करने का कैप्टन अमरिंदर का वादा साढ़े तीन साल में भी अधूरा
दवा ही बनी मर्ज
इलाज की दवाओं के नशे के लिए इस्तेमाल में हुई बढोतरी, इस ओर ध्यान देना सबसे जरूरी
'क्वीन' राजनीति
भाजपा से जुड़ाव और 'हिमाचल की बेटी' की अपनी नई पहचान के साथ क्या कंगना राजनीति में उतरने की तैयारी में? क्या यह सब तैयार पटकथा जैसा है?
प्रतिबंध पर हावी बाजार
सरकार ने पबजी मोबाइल पर रोक लगाई तो कोरियाई मातृ कंपनी ने चाइनीज कंपनी को बिजनेस से किया अलग
1962 जैसी जंग के आसार ?
चीन का अति महत्वाकांक्षी नेतृत्व सीमा पर जिस तरह की परिस्थितियां पैदा कर रहा है, उसे देखते हुए क्या युद्ध की आशंका है?
गर्त में रोशनी की खोज
अर्थव्यवस्था का बड़ा हिस्सा संकट में, एकमात्र सहारा सरकार का खर्च बजट लक्ष्य से भी पीछे
फर्जी एवरेस्ट फतह
नाम और पैसा कमाने के लोभ में एवरेस्ट पर चढ़ाई का झूठा दावा करने वालों की तादाद बढ़ी
बड़े बेनजर छोटे पर फंदा
नशे का गोरखधंधा देश में तकरीबन 10 लाख करोड़ रुपये का होने का अनुमान मगर सरकारी एजेंसियों को प्रतिबंधित मादक पदार्थों के धंधेबाजों और गिरोहों के पीछे नहीं, छोटी मछलियों पर फंदा डालने में दिलचस्पी
रुपहले परदे का स्याह सच
सुशांत मामले में हालिया खुलासे ने बॉलीवुड के लिए भानुमती का पिटारा खोल दिया
हर कोई खेले दलित दांव
सत्तारूढ़ एनडीए और विपक्षी महागठबंधन ही नहीं, बाहरी दलित पार्टियों की बिहार में दिलचस्पी से दलितों पर फोकस बढ़ा
खामोश! मीडिया चालू आहे...
फिल्म अभिनेता सुशांत सिंह की रहस्यमय मौत की रिपोर्टिंग में टीवी चैनल जूरी, जासूस, जांचकर्ता, इंसाफ देने वाला और जल्लाद सब एक साथ बन बैठे तो पत्रकारिता मानो हांफने लगी
"एक-दो न्यूज चैनलों से पूरा टीवी मीडिया शर्मसार"
अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत के बाद जिस तरह टेलीविजन चैनलों पर इसकी रिपोर्टिंग हो रही है, उससे तरह-तरह के सवाल उठने लगे हैं। टीआरपी के नाम पर न्यूज चैनल क्या अपनी हदें पार कर रहे हैं, और वे अपनी जिम्मेदारी भूल गए हैं ? क्या अब समय आ गया है कि न्यूज चैनलों को आईना दिखाया जाए? क्या न्यूज ब्रॉडकास्टर्स एसोसिएशन (एनबीए) के अधिकार बढ़ाए जाने चाहिए? इन सब मुद्दों पर एनबीए के प्रेसिडेंट रजत शर्मा ने प्रशांत श्रीवास्तव के सवालों के जवाव दिए। प्रमुख अंशः
आत्मनिर्भर भारत
ऐसे समय में जब कोविद-19 के दुष्प्रभाव ने दुनियाभर की अर्थव्यवस्था को प्रभावित किया है और शीर्ष देश अपनी-अपनी अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए बूस्टर पैकेज लेकर आये हैं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी न सिर्फ 20 लारव करोड़ का पैकेज -भारत की सकल घरेलु उत्पाद का दस प्रतिशतदेश की अर्थव्यवस्था की सुरक्षा और मजबूती के लिए घोषणा की बल्कि आत्मनिर्भर भारत का आह्वान भी किया। भारत वसुधैव कुटुंबकम के सार में आस्था रखता है लेकिन आत्म-निर्भरता के प्रति इसका दृष्टिकोण मानव-केंद्रित है। भारत सदैव वैश्विक व्यवथा का अभिन्न अंग है और प्रधानमंत्री की घोषणा से इसकी गूंज आती है।
चिट्टी वाले नहीं दांव पर पार्टी
संगठन में सुधार के लिए पत्र लिखने वाले 23 नेताओं पर गांधी परिवार की भौंहें तनी मगर कांग्रेस में जान फूंकने की चुनौती भारी
मनभावन मोर बढ़े मगर..
दो दशकों में देश में मोरों की संख्या बढ़ी, लेकिन इनसे फसलों को काफी नुकसान
सुलह दिल से या..
कांग्रेस नेतृत्व ने फिलहाल राजस्थान को मध्य प्रदेश बनने से बचाया, लेकिन चुनौती बाकी
अब काशी-मथुरा की बारी?
पूजास्थल एक्ट 1991 के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर होने से मुसलमानों में बढ़ा डर
"टेक्नोलॉजी ने गांव-शहर की खाई पाट दी"
चार अगस्त की सुबह संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) सिविल सेवा परीक्षा-2019, के नतीजे का दिन आया, तो प्रदीप सिंह मलिक के पिता सुखबीर सिंह मलिक हर रोज की तरह खेत में थे। प्रदीप ने उन्हें फोन कर नतीजे के बारे में बताया तो पिता का पहला सवाल था,"आइएएस बन गया? पहले सौ में नंबर आया?"
धोनी जैसा 'कूल' और जानदार दूसरा कहां
कई बार रणनीति पर चर्चा से मुझे उनके तेज क्रिकेटिंग दिमाग और दबाव झेलने की क्षमता का पता चला
गांव से आए साहब
यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा में बढ़ रहा ग्रामीण परिवेश से आए लोगों का दबदबा
फटाफट लोन बड़ी कमाई
फिनटेक कंपनियों ने टेलीकॉम और एफएमसीजी सेक्टर की तरह लोन का भी सैशे और छोटा रिचार्ज मॉडल बाजार में उतारा
बड़े शायर का विदा होना
राहत साहब से मेरा करीब 20 साल का करीबी संबंध रहा है। हमने साथ में कई मुशायरे भी पढ़े। इसमें कोई दो राय नहीं कि राहत साहब बड़े शायर थे।
सपनों के दायरे पहुंचे दूर-दराज
छोटे शहरों, कस्बों से सफल उम्मीदवारों की संख्या तेजी से बढ़ी, और आपदा ने संकट बढ़ाया तो तकनीक ने उगाए नए पंख
पैकेज बिना सब सूना
मुख्य आर्थिक सलाहकार के अनुसार दूसरा राहत पैकेज कोरोना का वैक्सीन आने के बाद, लेकिन पैकेज को अनिश्चितता से जोड़ना कितना उचित